
UNIDO Conference Riyadh: भारत ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित यूनाइटेड नेशंस इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (यूएनआईडीओ) की जनरल कॉन्फ्रेंस में आने वाले कुछ वर्षों में देश को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर तैयार करने के अपने संकल्प को दोहराया। इस दौरान देश ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को साकार करने के लिए मजबूत विनिर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
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ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत शंभू एस. कुमारन ने रियाद में आयोजित इस इंटरनेशनल इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। कुमारन ने यूएनआईडीओ की जनरल कॉन्फ्रेंस में भारत का नेशनल स्टेटमेंट देते हुए कहा भारत ने खुद को दुनिया के सबसे उम्मीद जगाने वाले मैन्युफैक्चरिंग हब में से एक के तौर पर पक्का कर लिया है। 2047 तक ‘विकसित भारत’, यानी एक डेवलप्ड भारत के नेशनल गोल को पूरा करने के लिए मजबूत मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ जरूरी है।
ऑस्ट्रिया स्थित भारतीय दूतावास द्वारा 26 नवंबर को जारी एक बयान के अनुसार कुमारन ने कहा भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने गवर्नेंस को फिर से डिफाइन किया है और पब्लिक सर्विसेज की एफिशिएंट डिलीवरी को पहले कभी नहीं हुए पैमाने पर मुमकिन बनाया है। हम भारत के डिजिटल सॉल्यूशंस को दुनिया तक ले जाने के लिए यूएनआईडीओ के साथ पार्टनरशिप करने का इंतजार कर रहे हैं।
भारतीय राजनयिक ने कहा कि फरवरी 2026 में भारत में होने वाले ‘एआई इम्पैक्ट समिट’ के लिए इंक्लूजन और इम्पैक्ट मुख्य पिलर हैं। एआई के लिए भारत का अप्रोच इसे ह्यूमन वेलफेयर के लिए जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना है। उन्होंने एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति पर जोर देने के साथ ही यह भी कहा कि भारत नेट जीरो पाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने पर भी फोकस कर रहा है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)



