
Janjatiya Gaurav Divas – धरती के वीर सपूत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती आज पूरे देश में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें आदिवासी समाज के योगदान, संस्कृति और गौरवमयी इतिहास को विशेष रूप से याद किया जा रहा है।
सरकार द्वारा घोषित जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य आदिवासी नायकों के संघर्ष, बलिदान और योगदान को राष्ट्रीय पटल पर प्रमुखता देना है। बिरसा मुंडा का नाम इस गौरवशाली इतिहास का सबसे उजला अध्याय है—उन्होंने ब्रिटिश शासन, अन्याय और शोषण के खिलाफ ऐतिहासिक उलगुलान आंदोलन खड़ा किया था।
बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को संगठित कर भूमि, जंगल और अधिकारों की रक्षा के लिए जिस साहस और दृढ़ता से संघर्ष किया, उसने आधुनिक भारत की जनजातीय नीति और पहचान को गहराई से प्रभावित किया। आज भी उन्हें “धर्ती आबा” के रूप में सम्मान दिया जाता है।
देशभर के संस्थानों, संगठनों और सरकारी विभागों ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए उनके विचारों और आदिवासी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।



