
Gold Silver In parliament : सोने और चांदी के दाम लगातार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचते जा रहे हैं। आम लोगों से लेकर निवेशकों तक, हर कोई महंगे होते सोने-चांदी को लेकर चिंतित है। इसी बीच संसद में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठा, जहां सरकार से सवाल किया गया कि क्या सोने और चांदी की कीमतों में हो रही तेज बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।
संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने स्पष्ट किया कि सोने और चांदी के दाम कई **वैश्विक और घरेलू कारकों** पर निर्भर करते हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, भू-राजनीतिक हालात, महंगाई, ब्याज दरें और मांग-आपूर्ति जैसे कारण शामिल हैं। सरकार ने कहा कि इन सभी कारकों पर किसी एक देश का सीधा नियंत्रण नहीं होता।
सरकार का यह भी कहना था कि वह लगातार बाजार की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। जरूरत पड़ने पर आयात शुल्क, नीतिगत फैसलों और अन्य आर्थिक उपायों के जरिए कीमतों के प्रभाव को संतुलित करने की कोशिश की जाती है, ताकि आम उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ न पड़े।
हालांकि, सरकार ने यह साफ कर दिया कि सोने-चांदी के दाम तय करने में बाजार की भूमिका अहम होती है और सीधे तौर पर कीमतों पर रोक लगाना संभव नहीं है। निवेशकों और आम जनता को सलाह दी गई है कि वे कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए ही खरीदारी या निवेश का फैसला करें।
कुल मिलाकर, सरकार फिलहाल सोने-चांदी की बढ़ती कीमतों पर नजर बनाए हुए है, लेकिन बाजार की मजबूरी और वैश्विक हालात के चलते कीमतों पर सीधी लगाम लगाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं बताई गई है।



