
Swami Prakasthanand face of hope: जब राजनीति संवेदनहीन होती जा रही है, तब पीलीभीत जनपद के बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक और महामंडलेश्वर स्वामी प्रवक्तानंद महाराज एक नई उम्मीद का नाम बनकर उभरे हैं। वह केवल चुनावों के दौरान ही नहीं, बल्कि जनजीवन के हर सुख-दुख में सक्रिय रूप से भागीदारी निभा रहे हैं।
बाघ हमले के पीड़ित परिवार के साथ खड़े हुए
हाल ही में ग्राम मंडरिया में एक दर्दनाक घटना हुई, जहां बाघ के हमले में कृष्णा देवी की मौत हो गई। इस गहन शोक की घड़ी में जब पूरा गांव स्तब्ध था, तब स्वामी प्रवक्तानंद न केवल वहां पहुंचे, बल्कि पीड़ित परिवार को ढाढ़स भी बंधाया। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य आपदा राहत निधि के अंतर्गत मृतका के दोनों पुत्रों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दिलवाई। यह उनका संवेदनशील और क्रियाशील नेतृत्व दर्शाता है।
मुख्यमंत्री और वन मंत्री से की मुलाकात
इस गंभीर घटना को हल्के में लेने के बजाय स्वामी प्रवक्तानंद ने लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से व्यक्तिगत मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को मामले की संवेदनशीलता से अवगत कराते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। साथ ही वे उत्तर प्रदेश के वन मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से भी मुलाकात कर चुके हैं ताकि बाघिन की निगरानी, पिंजरे की व्यवस्था और गांव की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जनप्रतिनिधि नहीं, परिवार का हिस्सा
बरखेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए स्वामी प्रवक्तानंद केवल एक विधायक नहीं हैं। लोग उन्हें “हर दुख-सुख का साथी” और “परिवार का हिस्सा” मानते हैं। उनकी यह छवि चुनावी नारों से नहीं, बल्कि ज़मीन पर मौजूदगी और पीड़ा में साथ देने से बनी है।
निष्क्रियता बनाम सक्रियता: जनता का स्पष्ट मत
आज जब अनेक जनप्रतिनिधि जनता के संकट में मौन साधे बैठे हैं, तब स्वामी प्रवक्तानंद की सक्रियता उन्हें बाकी नेताओं से अलग खड़ा करती है। उनकी संवेदनशीलता, प्रशासन पर दबाव बनाने की क्षमता और तुरंत राहत पहुंचाने की कोशिशें जनता में विश्वास जगा रही हैं।
जनप्रतिनिधियों के लिए एक आदर्श
स्वामी प्रवक्तानंद ने आज की राजनीति में एक नया मानक स्थापित किया है — संवेदना, सक्रियता और सेवा भाव का। अब प्रश्न यह है कि क्या अन्य जनप्रतिनिधि भी इससे कुछ सीखने की कोशिश करेंगे? या फिर वे केवल पोस्टर और सोशल मीडिया तक ही सीमित रहेंगे?
Swami Prakasthanand face of hope: also read- Prayagraj news: युवती की आत्महत्या में नामजद के बावजूद कार्रवाई नही कर रही शंकरगढ़ पुलिस
जनता के दिलों में निर्वाचित जननायक
जब जनता हर तरफ़ से पीड़ा से घिरी हो, तब उसे चाहिए ऐसा नेतृत्व जो न केवल विधानसभा में आवाज़ उठाए, बल्कि ज़मीन पर भी उसके साथ खड़ा हो। स्वामी प्रवक्तानंद महाराज आज उसी भरोसे का नाम हैं — जो जनता के दिलों में निर्वाचित हो चुका है।