
SPREE Scheme 2025- हिंडाल्को महान के मानव संसाधन विभाग के सहयोग से कर्मचारी राज्य बीमा जागरूकता संगोष्ठी का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता उप क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल के संयुक्त निदेशक निश्चल कुमार नाग ने की। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी देना और ‘स्प्री 2025’ अभियान के तहत ठेकेदारों को त्वरित पंजीयन हेतु प्रेरित करना रहा।
कार्यक्रम में कुल 77 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें हिंडाल्को महान के अंतर्गत कार्यरत ठेकेदार, मानव संसाधन प्रतिनिधि और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के अधिकारी शामिल रहे। वक्ताओं ने ईएसआईसी अधिनियम के तहत चिकित्सा सुविधा, मातृत्व लाभ, दिव्यांग सहायता और आश्रितों को मिलने वाले अधिकारों पर विस्तार से जानकारी दी।
संगोष्ठी में ठेकेदारों से यह आग्रह किया गया कि वे अपने निविदा दस्तावेजों में ईएसआईसी अधिनियम की शर्तों को अनिवार्य रूप से शामिल करें, ताकि श्रमिकों को समयबद्ध सुरक्षा और सुविधाएँ प्राप्त हो सकें।
कार्यक्रम में हिंडाल्को महान के मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने कहा—
“हिंडाल्को महान सदैव श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि यह हमारे श्रमिकों के प्रति नैतिक प्रतिबद्धता भी है। ‘स्प्री 2025’ जैसे अभियान हमें ठेकेदारों को जागरूक कर एक सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने का अवसर देते हैं।”
कार्यक्रम के दौरान शाखा प्रबंधक (ईएसआईसी, सिंगरौली) मयंक अग्रवाल भी मौजूद रहे, जिन्होंने पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाने के क्षेत्रीय प्रयासों को साझा किया।
संगोष्ठी के सफल आयोजन में कार्मिक विभाग से मनीष सिंह, विनय तिवारी, रितेश सिंह एवं अलोक पाण्डेय, विष्णु का विशेष योगदान रहा।
बरगंवा में ईएसआईसी अस्पताल की मांग
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से मांग उठाई कि बरगंवा क्षेत्र में एक सर्वसुविधायुक्त ईएसआईसी अस्पताल की स्थापना की जाए। उनका कहना था कि ऐसा होने पर हिंडाल्को महान समेत आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिकों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
यह संगोष्ठी हिंडाल्को महान की सामाजिक प्रतिबद्धता और श्रमिक कल्याण के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक रही। ‘स्प्री 2025’ जैसे अभियानों के माध्यम से ठेकेदारों को संगठित कर श्रमिकों को संस्थागत सुरक्षा प्रदान करना निस्संदेह औद्योगिक उत्तरदायित्व और सरकारी सहभागिता का एक आदर्श उदाहरण है।