Sonbhadra news: उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक खनिज राजस्व देने वाले जनपद सोनभद्र में मुख्य उद्योग पत्थर खनन और क्रशर प्लांट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। 15 नवंबर को बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र स्थित एक पत्थर खदान में हुए हादसे के बाद डीजीएमएस वाराणसी द्वारा 37 खदानों में खनन और परिवहन कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
10 हजार मजदूर बेरोजगार, 30 हजार परिवारों पर संकट
डाला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष मुकेश जैन ने बताया कि खदानों के बंद होने से खनन उद्योग से सीधे जुड़े करीब 10 हजार मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इन मजदूरों पर आश्रित लगभग 30 हजार परिवारों के सामने रोज़ी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। दैनिक मजदूरी पर निर्भर ये परिवार जाड़ा, गर्मी और बरसात—हर मौसम में खदानों में काम कर अपना जीवनयापन करते थे।
परिवहन और मशीनरी पूरी तरह ठप
खनन कार्य बंद होने से पत्थर ढुलाई में लगे 2000 से अधिक टिपर, करीब 500 कंप्रेसर मशीनें और सैकड़ों पोकलैन मशीनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया है। इसके साथ ही पत्थर खनन पर निर्भर करीब 250 क्रशर प्लांट भी बंद पड़े हैं, जिससे ‘डाला स्टोन’ के नाम से देश-विदेश में मशहूर गिट्टी का उत्पादन रुक गया है।
स्थानीय बाजारों पर भी पड़ा असर
खनन उद्योग पर निर्भर डाला, ओबरा और चोपन क्षेत्रों में चाय-पान, ठेला-खुमचा, पंचर, सैलून सहित छोटी-बड़ी दुकानों पर सन्नाटा छा गया है। बेरोजगार मजदूरों और उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति बनने लगी है। हालात नहीं सुधरे तो मजदूरों को रोज़गार की तलाश में अन्य राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ सकता है।
डीजीएमएस को पत्र, खदानें सुरक्षित तरीके से खोलने की मांग
डाला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने खान सुरक्षा निदेशालय (डीजीएमएस), वाराणसी क्षेत्र के निदेशक को पत्र भेजकर बंद खदानों को सुरक्षा मानकों के तहत पुनः चालू कराने की मांग की है। मुकेश जैन ने कहा कि बीते पांच दशकों से संचालित खनन उद्योग उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और हर माह करीब ₹13 करोड़ का राजस्व राज्य को देता है।
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खनन बहाल होने से लौटेगी खुशहाली
व्यापार मंडल ने मांग की है कि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करते हुए खनन कार्य दोबारा शुरू किया जाए, ताकि मजदूरों को रोजगार मिल सके और जनपद की आर्थिक स्थिति में फिर से खुशहाली लौटे।
रिपोर्ट: रवि पाण्डेय
सोनभद्र



