Sonbhadra news: नेशनल हेराल्ड मामले में न्यायालय से कांग्रेस को बड़ी राहत मिलने के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को साक्ष्य के अभाव में क्लीन चिट मिलने के बाद जहां कांग्रेस इसे सत्य और न्याय की जीत बता रही है, वहीं इसी फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन अब राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है। सोनभद्र में नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर उस वक्त तनाव की स्थिति बन गई, जब कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय का शांतिपूर्वक घेराव करने के लिए निकले। कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़ के नेतृत्व में यह प्रदर्शन शुरू ही हुआ था कि पुलिस ने स्टेट हाइवे–5A पर हाथीनाला–नारायणपुर मार्ग पर बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया।
पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता उग्र हो गए और पुलिस के साथ काफी देर तक नोकझोंक चलती रही। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जिलाध्यक्ष रामराज गोंड़, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शशांक मिश्रा सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जीप से पुलिस चौकी चुर्क पहुंचाया। यह तानाशाही है। हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से नेशनल हेराल्ड मामले में आए न्यायालय के फैसले के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन भाजपा सरकार ने पुलिस के दम पर हमारी आवाज दबाने का काम किया। यह सीधे-सीधे लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा है।
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कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक द्वेष के तहत पुलिस का इस्तेमाल कर विपक्षी दल के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला है। उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ सरकार विरोध की हर आवाज को दबाने की नीति पर चल रही है। नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़कर देख रही है। सवाल बड़ा है, क्या देश में विपक्ष को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार सुरक्षित है, या फिर राजनीतिक असहमति पर पुलिसिया कार्रवाई ही नया सामान्य बनती जा रही है?
रिपोर्ट :- रवि पाण्डेय
सोनभद्र



