Sonbhadra News – मुआवजे के साथ किसानों के कर्ज माफी किए जाए माफ , किसान नेता गिरीश पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

Sonbhadra News -मोथा तुफान के कारण पिछले कयी दिनों तक हुई लगातार बारिश के कारण सोनभद्र में किसानों की फसल को भारी नुक्सान पहुंचा है।
रविवार को पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता गिरीश पाण्डेय ने घोरावल विकास खंड के दर्जनों गांवों में जाकर किसानों की बर्बाद हुई फसलों का जायजा लिया। गिरीश पाण्डेय ने बताया कि हरिहर पुर, ओडौली, इनम, कुसरठ, उमरी, नरैना, दुरावल कला, दुरावल खुर्द, लसडी, चौकड़ा, मसोई गांव में किसानों की फ़सल को भारी नुक्सान पहुंचा है। गिरीश पाण्डेय ने बताया कि हरिहर गांव के किसान अमरेश चंद्र शुक्ला एवं सुरेश चंद्र शुक्ला के सामूहिक परिवार की मिलाकर सौ बीघे से अधिक बासमती धान की फसल कटकर खेत में पानी भरने के कारण सड़ने से महकने लगी है,यहां तक कि अब अंकुरित भी होने लगी है। गिरीश पाण्डेय ने बताया कि इसी तरह ओडौली गांव के विजेन्द्र सिंह और लाल वर्ती सिंह पटेल की पूरी फसल पानी में डूबकर जमींदोज हो गई है। लसडी गांव के प्रधान राजेश एवं कमला सिंह ने दावा किया कि उनके गांव में चालीस प्रतिशत से ज्यादा किसानों की फ़सल डूबी हुई है और लगातार खराब होती ही जा रही है। चोकडी गांव के बच्चा सिंह की फसल को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। गिरीश पाण्डेय ने किसानों की हुई क्षति को देखकर गहरी चिंता जताई और कहा कि जिस तरह कुछ दिन पहले तक किसानों में अच्छी उपज होने का उत्साह था वह अब हताशा में मोथा तुफान ने बदल दिया है। क्षेत्रीय किसानों में अपने जीवकोपार्जन की चिंता के साथ साथ पशुओं को चारे की भी चिंता सताने लगी है। साथ ही आगामी रवि फसल की बुआई को लेकर भी किसान सशंकित हैं। गिरीश पाण्डेय ने बताया कि किसान बैंक और कोआपरेटिव कर्ज की देनदारी की भी चिंता क्षेत्र में जता रहे हैं।

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किसान नेता गिरीश पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ई-मेल के माध्यम से पत्र लिखकर किसानों की इस दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित कराते हुए किसानों के फसलों को होने वाले नुक्सान की शत-प्रतिशत क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग के साथ साथ किसानों का कृषि कर्ज, कोआपरेटिव कर्ज एवं बिजली बिल भी माफ़ कराने की मांग किया । गिरीश पाण्डेय ने कहा जब हमारे देश के बड़े कारोबारियों को नुक्सान होने पर सरकारें भरपूर सहायता करतीं हैं तो आज संकट की घड़ी में सरकार को किसानों के साथ संवेदनशीलता के साथ खड़े होने की आवश्यकता है किसान हित में।

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