
Sonbhadra News- प्रदेश सरकार की लगभग 13 हजार करोड रुपये से बन रही ओबरा सी विद्युत परियोजना अपने निर्धारित समय से लगभग तीन साल पीछे चल रही है। इस ओबरा सी परियोजना का निर्माण कार्य कर रही दक्षिण कोरियाई दुसान कम्पनी के हजारो मजदूर का आये दिन भुगतान को लेकर हडताल जो निमार्ण कार्य में गतिरोध उत्पन कर परियोजना के निर्माण को और पीछे ढकेलती जा रही है। जिलाधिकारी से लेकर ओबरा एसडीएम और उप श्रमायुक्त तक मजदूरो के भुगतान का लम्बित मामला आये दिन आधिकारियो तक पहुच रहा है फिर भी स्थायी समाधान नही निकाला जा रहा है।
सोमवार को प्रातः एनटीआईसी, ईसीसी, आईईडब्लू, पीएनसी, जीसा कन्ट्रक्शन, मयंक इजीनियरिग, एसजीके समेत कई कम्पनियो के लगभग ढाई हजार आक्रोशित मजदूरो ने तीन माह के बकाये वेतन की मांग को लेकर हडताल पर चले गये, जिससे ओबरा सी परियोजना का कार्य पूरी तरह से ठप हो गया। परियोजना का काम ठप होते ही परियोजना प्रशासन में हडकंप मच गया। परियोजना के आला अधिकारी काफी देर तक मजदूरो को समझाते रहे फिर भी कोई बात नही स्की।
बतादे कि दक्षिण कोरिया की दुसान कम्पनी के ठेकेदारो का लगभग सात महीनो से भुगतान बकाया है। जिस पर ठेकेदारो का कहना है कि किसी प्रकार से मार्केट व बैक से कर्ज लेकर मजदूरो का तो भुगतान कर दिये है लेकिन अब उनके पास पैसो का अभाव हो गया है। वे जीएसटी व ईपीएफ तक नही जमा कर पा रहे है जिससे उनको अर्थदण्ड विभाग द्वारा तो लगाया ही जा रहा है साथ ही उन्हे भारी भरकर ब्याज भी जीएसटी व ईपीएफ द्वारा लगाया जा रहा है, जिससे उनकी कमर टूट चुकी है।
वही मजदूरो का कहना है कि वे किसी प्रकार से उधार मांग कर अपनी आजीविका चला रहे थे लेकिन अब आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है। अब हम सब भुखमरी के कगार पर पहुच गये है।
बताते चले कि जुलाई माह मे भी लम्बी चली हडताल के दौरान जिलाधिकारी ने हस्तक्षेप कर मजदूरो को मजदूरी का भुगतान कराया था। इसके बाद फिर से ओबरा परियोजना व दुसान कम्पनी के अधिकारी मजदूरी दिलाने मे दिलचस्पी नही ले रहे है।
रिपोर्ट :- रवि पाण्डेय
सोनभद्र