
Sonbhadra News:प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है। दुद्धी तहसील क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बीजपुर अंतर्गत म्योरपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में गुरुवार को प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को भर्ती तक नहीं किया गया। नतीजतन महिला ने अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर ही नवजात शिशु को जन्म दिया।
पीड़िता अपने पति और गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ अस्पताल पहुंची थी, लेकिन ड्यूटी पर तैनात नर्स ने “चाभी न होने” का बहाना बनाकर उसे वापस लौटा दिया। प्रसव पीड़ा तेज होने पर आशा और परिजनों ने अस्पताल गेट पर ही प्रसव कराया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
परिजनों का आरोप है कि प्रसव के बाद नर्स मौके पर पहुंची और पीड़िता के पति से रुपये की मांग की। काफी मोलभाव के बाद नर्स ने 200 रुपये लेकर मां और बच्चे को भीतर ले जाया।
इस घटना से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के दावे करे, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट है।
रिपोर्ट – रवि पाण्डेय, सोनभद्र
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