
Sonbhadra News:जश्न-ए-आमद-ए-रसूल (ईद-ए-मिलादुन्नबी) का पर्व शुक्रवार को जनपद भर में बड़े ही अकीदत व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आकर्षक झांकियों और जुलूस-ए-मोहम्मदी का आयोजन किया गया।
कोन क्षेत्र के देवाटन, बरवाखाड़, खरौधी, नूरीनगर, गिधिया, करइल, बागेसोती व अन्य गांवों से निकले जुलूस मुख्य नगर में एकत्र हुए। झांकियों के साथ नात-ए-पाक व कसीदे पढ़ते हुए लोग “पत्ती-पत्ती फूल-फूल या रसूल” के नारे बुलंद कर रहे थे। जुलूस कोन जामा मस्जिद पहुंचकर सभा में तब्दील हुआ, जहां मौलाना अब्दुल सलाम व मौलाना शमशेर ने तकरीर पेश करते हुए नबी-ए-पाक की सीरत पर रोशनी डाली। उन्होंने इंसानियत, बराबरी, गरीबों व मजलूमों की मदद को इस्लाम की मूल शिक्षा बताया।
विंढमगंज में भी रांची-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सलैयाडिह जामा मस्जिद से विशाल जुलूस निकाला गया, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः मस्जिद पर पहुंचा। इस दौरान मौलाना रुस्तम ने कहा कि बारावफात का दिन पैगंबर मोहम्मद साहब की पैदाइश और उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है।
त्योहार के अवसर पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। जुलूस के दौरान जगह-जगह लोगों ने मिलकर अमन-ओ-शांति की दुआएं मांगीं और जरूरतमंदों की मदद का संकल्प लिया।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात रहा।
रिपोर्ट – रवि पाण्डेय, सोनभद्र
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