
Sonbhadra News – अवैध सम्बन्धो को लेकर देश भर में दिल दहला देने वाली घटनाए सामने आती रहती है लेकिन मामला जब घर के अन्दर का हो तो वह रिश्तों को कलंकित करता है। ऐसा ही एक मामला जनपद में चोपन थाना क्षेत्र के महुआंव खुर्द गांव का है जहाँ पति ने पत्नी की गला दबाकर हत्या इसलिए कर दिया क्योंकि वह भाभी से अवैध सम्बन्ध बनाने में बाधक बन रही थी। उसके इस काम मे उसकी भाभी , भाई और पिता ने पूरा सहयोग दिया। इतना ही नही उसने इन घटना को आत्महत्या दिखाने के लिए पत्नी के घर वालो को फांसी लगाने की सूचना देकर शव का दाह संस्कार करने के प्रयास में जुट गया। इस घटना की सूचना पाते ही मृतका के मायके वालों ने आरोपी पति और उसके घर के लोगों को रोककर शव को जिला अस्पताल ले गए,जहां चिकित्सको की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। उक्त आरोप लगाते हुए मृतका के भाई ने कहा कि उसकी बहन की शादी लगभग 15 वर्ष पूर्व अनुराग चन्द्र पाण्डेय पुत्र राजकुमार पाण्डेय से हुई थी। जिसका अपनी भाभी से अवैध सम्बन्ध चल रहा था,इसका उसकी बहन विरोध करती थी तो दोनो मिलकर उसके मारपीट करते थे। दोनो के अवैध सम्बन्ध में बाधक बनने की वजह से जीजा, उसकी भाभी , भाई और पिता ने मिलकर उसकी बहन की गला दबाकर हत्या कर दिया और फांसी लगाने की बात कहकर आत्महत्या दिखाने का प्रयास कर रहे है।
वही इस सम्बंध में प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया ने कहा कि मृतका के मायके वालों ने तहरीर दिया है जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच किया जा रहा है।
इस पूरे घटना के सम्बंध में मृतका के भाई लक्ष्मी नारायण मिश्र पुत्र राजेन्द्र प्रसाद मिश्र निवासी सेमरी विशुन लाल, कोतवाली सदर ने बताया कि बहन कुसुम की शादी हिन्दु धर्म के मुताबिक अनुराग चन्द्र पाण्डेय पुत्र राज कुमार पाण्डेय निवासी महुआँव खुर्द थाना चोपन के साथ हुयी थी। शादी के शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा तथा बहन को एक लड़का उत्कर्ष पैदा हुआ जो करीब 13-14 वर्ष का हो चुका है। विगत कुछ समय से अचानक मेरे बहनोई का नजायज सम्बन्ध उनकी भाभी मनोरमा से हो गया। जिसकी जानकारी के बाद बहन के विरोध करने पर दोनो लोग मिलकर उसे मारना पीटना व प्रताड़ित करना शुरू किये लोक लाज व घर की मर्यादा बचाने के नियत से बहन भी मायके वालो को कुछ बताती नही थी जबकि उसके चेहरे पर बराबर मायुसी बनी रहती थी।
एक दिन अचानक फोन कर बहन ने बताया कि विगत गणेश चतुर्थी व्रत रहने पर भी उसके पति ने उसके साथ मारपीट किया है। जिस पर वह अगले दिन बहन के घर जाकर उसके पति को समझाया तो उसके साथ गाली गलौज व धमकी देने लगे। उसके बहनोई ने कहा कि ज्यादा सयाना बनोगे तो तुम्हारी बहन की हत्या कर फेकवा देगे और इतनी पूँजी है कि कोई कुछ नही कर पायेगा।
वह इस बात से बहन के ससुर जेठ व जेठानी से शिकायत किया तो सभी लोग एक राय थे तथा बोले की सारी गलती तुम्हारे बहन की है तथा बोले की यहाँ से भाग जाओ नहीं तो जो तुम्हारे बहन के साथ हो रहा है वही तुम्हारे साथ भी होगा। वह अपने आप को काफी अपमानीत महसुस करके चुप चाप घर चला आया कि अचानक 15 अगस्त को बहन ने फोन किया कि समय निकाल कर आ जाना बहुत जरूरी बात करनी है।
वह अगले दिन बहन के यहाँ गया तो बहन ने अकेले में बताया कि तुम्हारे बहनोई के आदत में कोई सुधार नही है। उनको भाभी से अवैध सम्बन्ध बनाते मैने अपनी आँख से देख लिया है, ये सब आपस में मेरी हत्या करने की योजना बना रहे है। मुझे अब यहाँ से ले चलो मैं तंग आ चुकी हूँ ।
वह विदाई के लिए बहन के जेठ – जेठानी व ससुर से विदाई की बात किया तो सभी ने एक स्वर से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि सोहनी का काम चल रहा है, मजदूरो को खाना बनाकर कौन देगा अभी कत्तई विदाई सम्भव नहीं है।
जिस पर वह चुपचाप बहन को सांत्वना देकर घर चला आया तथा अगले दिन अपने चाचा बगैर को लेकर बहन की विदाई के लिए उसके यहाँ जाने की सोच रहा था कि 17 अगस्त को सुबह दस बजे बहनोई ने फोन किया कि तुम्हारी बहन फाँसी पर लटक गयी है, आकर देख लो नही तो हम लोग ले जाकर दाह संस्कार कर देगे।
इस जानकारी पर उनसे कहा बहन जैसे है वैसे रहने दे मैं तुरन्त आ रहा हूँ तत्काल घर के कुछ अन्य सदस्यो को खबर करके अपनी मोटर साइकिल से भाग कर बहन के ससुराल गया तो देखा कि मेरी बहन को घर के अन्दर बरामदे में लेटाया गया है, वहा उसका लडका रो रहा था। बहन के शरीर पर कोई भी चद्दर नही डाला गया था। तब तक वहाँ उसके बहनोई व उसके बड़े भाई आलोक कुमार पाण्डेय व भाभी मनोरमा पाण्डेय व पिता राजकुमार पाण्डेय आ गये और बोले की कहानी खत्म है जितना जल्दी हो ले चलकर दाह संस्कार कर दिया जाये नहीं तो बेमतलब की भीड़ इकट्ठा हो जायेगी।
उसके जीद पर विपक्षीगण अपने रिश्तेदार सन्दीप की बोलेरो गाडी मंगाकर उसमे बहन को लादकर उसके पति, जेठ और दो छोटे बच्चे राबर्टसगंज की तरफ चल दिया, इतने में रास्ते में स्थित बंधी के पास उसके घर के अन्य सदस्य व रिश्तेदार भी अपने साधन से आ गये और सभी ने राय किया कि लोढ़ी अस्पताल ले चलकर जाँच करायी जाय। हम लोग कुछ समझ पाते कि विपक्षीगण ने तेजी से बोलेरो को भगाते हुए अपने मन से मणी अस्पताल लोढ़ी में मौत की औपचारिकता पूर्ण कराकर बहन की लाश को अति शीघ्र ठिकाने लगाने की नियत से वाराणसी की तरफ उसी बोलेरो से भागने लगे। बहन का अंतिम दर्शन करने की नियत से घर की महिलाएं और तमाम रिश्तेदार व घर के सदस्य मौजा गेंगुआर पश्चिम पटरी मे पूरी भीड़ के रूप मे एकत्रित थे।
उसके काफी आग्रह पर विपक्षी गण कुछ समय के लिए वही गाडी रोक दिये लेकिन सभी लोग बहन का चेहरा नही देख पाये कि तब तक पुनः गाड़ी स्टार्ट कराकर वाराणसी की तरफ भागने लगे। घर के लोग व रिश्तेदार विपक्षीगण की गन्दी नियत का अंदाजा लगाकर मोटर साइकिल व चार चक्का गाड़ी से बोलेरो का पीछा किये तथा मंगुराही फार्म के पास जाते जाते को रोकवा लिया गया और वहाँ से घुमवाकर लोढी अस्पताल विपक्षी गण सहित ले आया गया। जिला अस्पताल में डाक्टर की सूचना के आधार पर चोपन पुलिस ने बहन की लाश का पंचनामा व पोस्टमार्टम कराया।
पीड़ित भाई ने पुलिस से गुहार लगाया कि उसकी बहन की हत्या बहनोई का अपनी भाभी से नजायज सम्बन्ध का विरोध करने के कारण हुआ है।जिसमे उसके पति अनुराग चन्द पाण्डेय, भाभी मनोरमा पाण्डेय, जेठ आलोक कुमार पाण्डेय व ससुर राजकुमार पाण्डेय ने बड़े ही निर्दयता पूर्वक किया है।
इस सम्बंध में प्रभारी निरीक्षक चोपन विजय चौरसिया ने बताया कि मृतक विवाहिता के भाई की तहरीर पर बीएनएस की धारा 103(1), 352, 3(5), 351(3) व 85 के तहत अनुराग चन्द्र पाण्डेय, आलोक कुमार पाण्डेय पुत्रगण राजकुमार पाण्डेय, मनोरमा पाण्डेय पत्नी आलोक कुमार पाण्डेय व राजकुमार पुत्र अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच किया जा रहा है।
रिपोर्ट :- रवि पाण्डेय