Sonbhadra News: इंटर फेल व शटरिंग का काम करने वाला अली रजवी कैसे बन गया कट्टरपंथी

मुजाहिदीन आर्मी बना कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को हटाकर शरीयत व्यवस्था कायम करने का आरोप | यूपी एटीएस ने चार युवकों को किया 29 सितंबर को गिरफ्तार | सोनभद्र जनपद का निवासी है सफील सलमानी उर्फ अली रजवी

Sonbhadra News: चार राज्यो की सीमाओं जे लगे आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र जनपद की पहचान ऊर्जा राजधानी, खनिज सम्पदा के साथ ही लगभग डेढ़ दशक तक नक्सली घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहा तो वही अब यूपी एटीएस ने एक बड़ी कार्रवाई से जिले का नाम एकबार फिर राष्ट्रीय पटल पर सुर्खियों में आ गया है।इस बार गैर मुस्लिम धर्म गुरुओ के टारगेट किलिंग व देश मे शरिया कानून लागू कराने के आरोप में गिरफ्तार युवक सफील सलमानी उर्फ अली रजवी से है। एटीएस ने अली रजवी गैर इस्लामिक धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने के लिए संगठन तैयार करने, सोशल मीडिया पर लगातार संदिग्ध गतिविधियों को लेकर लखनऊ में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है।

आखिर कौन है यह सफील सलमानी उर्फ अली रजवी और क्या है इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि

उत्तर प्रदेश एटीएस ने जिले से एक खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है। करमा थाना क्षेत्र के भदोही गांव का रहने वाला सफील सलमानी उर्फ अली रजवी को लखनऊ में पूछताछ के बाद गिरफ्तार है।इस पर आरोप है कि यह गैर इस्लामिक धर्मगुरुओं की टारगेट किलिंग की योजना बना रहा था।

अली रजवी भदोही थाना करमा का निवासी है जो गांव के मुनाद अली से दान में मिली जमीन पर मकान बना कर मां के साथ रहता है। असल में उसकी पहचान जितनी साधारण दिखती है उतनी ही खतरनाक उसकी साजिश है। वर्ष 2014 में इंटर कालेज फेल सफील उर्फ बाबू अली कभी शटरिंग का काम करने वाला अपनी फेसबुक आईडी अली रजवी के नाम से बनाया है। वह अपने फेसबुक आईडी पर खुद को एक पोर्टल न्यूज का जिला रिपोर्टर लिखता है। वह सोशल मीडिया पर लगातार कट्टरपंथी पोस्ट डालकर युवाओं को बरगलाने की कोशिश कर रहा था। जिस काफी दिनों से एटीएस की नजर उस पर थी।

अली रजवी की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद ही सामान्य है। वह चार भाइयों में तीसरे नंबर का है। उसके पिता परिवार से अलग रह कर मुंबई में मजदूरी करता है ,जिसके साथ एक भाई पिता के साथ मुंबई में ही रहता है जबकि दूसरा सोनभद्र नगर में और तीसरा आटो चलाता है। परिवार की पृष्ठभूमि बेहद सामान्य है, लेकिन अली के दिमाग में नफ़रत और हिंसा के बीज पल रहे थे।

एटीएस की जांच में सामने आया है कि अली रजवी व्हाट्सएप और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर विदेशी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। जिसके माध्यम से लगातार कट्टरपंथी कंटेंट शेयर कर रहा था और हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की बात करता था। उसकी यही संदिग्ध गतिविधियां एटीएस की नजर में आयी तो पूछताछ के लिए लखनऊ ले गयी जहां उसके कबूलनामे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

एटीएस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि अली रजवी सोशल मीडिया के माध्यम से संदिग्ध संगठनों से जुड़ा था। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की तैयारी कर रहा था। फिलहाल उससे गहन पूछताछ की जा रही है।

बरहाल अली रजवी की गिरफ्तारी ने एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर छोटे-छोटे गांवों तक कट्टरपंथी सोच कैसे पहुंच रही है।
नक्सलवादी सोच से मुक्त हो चुके सोनभद्र जैसे शांत जिले से इस तरह के बीच कैसे फलने फूलने लगे यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती है। जनपद से निकली इस साजिश ने साबित कर दिया है कि देश विरोधी नेटवर्क अब किसी भी कोने मे सक्रिय हो सकते हैं। एटीएस की सतर्कता ने एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है लेकिन सवाल यही है कि आखिर कब तक भोलेभाले युवाओं को बरगला कर मौत का मुसाफिर बनाया जाता रहेगा।

बोली माँ :- एटीएस की इस कार्रवाई से अनभिज्ञ अली रिजवी की मां नजबुन कहती है कि हमारा बेटा बाबू ऐसा काम नही कर सकता जरूर उसे गलत तरीके से फसाया जा रहा है क्योंकि भोर में चार बजे के आसपास एक सुमो से कुछ पुलिस वाले आये और उसे उठा ले गए और कुछ भी नही बताए कि क्यों ले जा रहे और कहा लेकर जा रहे है। मेरे कुल चार बेटे और तीन बेटियां है मेरे पति मुझे छोड़ दिए हैं मै ही सभी का मजदूरी कर के पालन पोषण किया है। बाबू अली छोटा – मोटा काम करता है जबकि छोटा बेटा आटो चलाता है। यह है कि बाबू अली अधिकतर समय तक धार्मिक किताब लेकर पढ़ा करता था, मोबाइल चलाते हमने कभी उसे नही देखा है।

बोले गांव के लोग:- एटीएस के द्वारा गिरफ्तार किए गए अली रजवी को गांव के लोग बाबू अली के नाम से जानते है। इस मामले में स्थानीय ग्रामीण मुरीद अली ने बताया कि हम सफील सलमानी को नही बल्कि बाबू अली को जानता हूं। वह कोई गलत काम नही करता केवल में घूमना फिरना ही उसका काम है। उसकी मां गांव में काम कर के सभी का पेट पालती है। मेरे द्वारा जो जमीन दान में दी गई है उसी पर मकान बनाकर रहते हैं।

रिपोर्ट :- रवि पाण्डेय
सोनभद्र

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