
Sonbhadra News-हापुड़ जनपद में कार्यरत लेखपाल सुभाष मीणा के निलंबन और उसके बाद उनकी मृत्यु के मामले ने पूरे प्रदेश में लेखपाल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक घटना के विरोध में सोमवार को उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश की तहसीलों में विरोध दर्ज कराया गया।
सोनभद्र जनपद में भी सभी तहसीलों पर लेखपालों ने कार्य बहिष्कार करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
“बिना जांच निलंबन, लेखपाल की मृत्यु का कारण बना”
संगठन के जिलाध्यक्ष सुबोध सिंह ने बताया कि जनपद हापुड़ के जिलाधिकारी द्वारा बिना किसी जांच के लेखपाल सुभाष मीणा को निलंबित कर दिया गया, जिससे वे गहरे तनाव में चले गए और अंततः उनकी मृत्यु हो गई। यह घटना लेखपाल समाज के लिए अत्यंत दुखद और असहनीय है।
तहसीलों में ठप रहा काम, लेखपाल संघ ने जताया आक्रोश
घटना के विरोध में सोमवार को सोनभद्र की सभी तहसीलों में प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूर्ण कार्य बहिष्कार किया गया। इस दौरान कोई भी लेखपाल कार्य पर नहीं उपस्थित हुआ। लेखपालों ने कहा कि इस तरह की मनमानी कार्रवाई न केवल अनुचित है बल्कि इससे भविष्य में प्रशासनिक अव्यवस्था बढ़ सकती है।
सीएम को भेजा गया ज्ञापन, न्याय की मांग
लेखपाल संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें मांग की गई कि सुभाष मीणा को न्याय दिया जाए, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में लेखपालों के साथ ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए उचित नीति बनाई जाए।
सभी पदाधिकारी रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने के दौरान लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह के साथ साजिद खान, संजय सिंह, हृदयेश, भगवान, मनोज, पंकज, रत्नेश, अरविंद, संजीव कुमार, मनीष, रेशमा कंचन, श्वेता सिंह, निशा, मनीष सिंह, अनिता, रूबी, प्रियंका, प्रिया समेत अनेक लेखपाल मौजूद रहे।
सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि लेखपालों की समस्याओं को अनसुना किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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