Somendra Tomar controversy : मेरठ में वायरल हुआ विवादित वीडियो: मंत्री से जुड़े छात्र नेता पर अभद्रता का आरोप, युवक से जबरन माफी मंगवाई

Somendra Tomar controversy : उत्तर प्रदेश के मेरठ में इन दिनों एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति को घुटनों के बल बैठाकर माफी मांगने पर मजबूर किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में दिख रहा युवक खुद को प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से जुड़ा छात्र नेता बता रहा है।

वायरल वीडियो में यह छात्र नेता सड़क पर खड़े एक व्यक्ति से अभद्र भाषा में बात करता नजर आ रहा है। उसने मंत्री जी का नाम लेकर खुद को प्रभावशाली बताया और उस व्यक्ति को घुटनों के बल बैठाकर माफी मांगने को कहा। वीडियो में यह पूरा घटनाक्रम खुलेआम सड़क पर हो रहा है, जहां पुलिस कर्मी भी मौके पर मौजूद दिखाई देते हैं।

मंत्री से जुड़ाव का दावा, पर मंत्री बोले – “मैं उसे जानता भी नहीं”

वीडियो सामने आने के बाद मंत्री सोमेंद्र तोमर ने स्पष्ट किया है कि वे उस युवक को जानते तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसी का उनके नाम का इस्तेमाल कर गलत काम करना पूरी तरह अनुचित है, और इस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ उचित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

 

घटना के बाद विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि जब पुलिस मौके पर मौजूद थी तो उसने तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की। इस प्रकरण ने एक बार फिर इस बात पर बहस छेड़ दी है कि सत्ता या प्रभाव का नाम लेकर आम लोगों को डराने-धमकाने की प्रवृत्ति किस हद तक बढ़ चुकी है। यह मामला केवल कानून और व्यवस्था का नहीं, बल्कि राजनीतिक मर्यादा और सामाजिक आचरण का भी प्रश्न है। किसी भी सार्वजनिक प्रतिनिधि या उसके नाम से जुड़े व्यक्ति को यह याद रखना चाहिए कि जनता का भरोसा सम्मान और अनुशासन से जीता जाता है, दबाव या डर से नहीं। मेरठ की यह घटना राजनीति में प्रभाव और जिम्मेदारी के संतुलन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यदि मंत्री स्वयं इस व्यक्ति को नहीं जानते, तो यह और भी स्पष्ट होता है कि कुछ लोग सत्ता से जुड़े नामों का दुरुपयोग कर समाज में गलत संदेश फैला रहे हैं। ऐसे मामलों में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई ही लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा बनाए रख सकती है।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button