
Save the future of children: हर माता-पिता अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं और हर परिस्थिति में उनका साथ देने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास हालातों में बच्चों का अंधा समर्थन करना उनकी आदतों को बिगाड़ सकता है और भविष्य को खतरे में डाल सकता है?
बच्चों को अच्छी परवरिश देना केवल प्यार जताने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी जरूरी है कि वे सही और गलत का फर्क समझें। यहां हम बता रहे हैं उन चार परिस्थितियों के बारे में, जिनमें बच्चों का साथ देना उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है:
1. जब बच्चा बड़ों का सम्मान न करे
अक्सर देखा गया है कि कुछ बच्चे अपने से बड़ों से अभद्र भाषा में बात करते हैं या उन्हें तवज्जो नहीं देते। दुर्भाग्यवश, कई बार माता-पिता इस व्यवहार को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर शिकायत होने पर भी बच्चों का पक्ष लेते हैं।
इस रवैये से बच्चे यह मान लेते हैं कि वे कुछ भी करें, माता-पिता हमेशा उनके साथ रहेंगे। नतीजतन, वे अनुशासनहीन हो जाते हैं और आगे चलकर रिश्तों की अहमियत नहीं समझ पाते।
2. झूठ बोलने पर बचाव करना
बच्चे अक्सर डांट से बचने के लिए झूठ बोलते हैं, और जब माता-पिता इस बात को समझ भी जाते हैं, तो वे उनकी गलती छिपाने लगते हैं। यह सोचकर कि बच्चा है, चलो माफ कर देते हैं – लेकिन यह आदत धीरे-धीरे चरित्र निर्माण को नुकसान पहुंचा सकती है।
बच्चा हर छोटी-बड़ी गलती को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लेने लगता है, जिससे न केवल उसका आत्मविश्वास प्रभावित होता है बल्कि सामाजिक संबंध भी बिगड़ सकते हैं।
3. गलती मानने से बचना और उसका समर्थन करना
कुछ बच्चे अपनी गलती मानने से इनकार कर देते हैं और माता-पिता भी उनका पक्ष लेकर यही दर्शाते हैं कि ‘शायद मेरी संतान की गलती नहीं होगी’।
यह आदत बच्चे को कभी भी आत्मचिंतन करने का मौका नहीं देती। ऐसे में वो अपनी जिम्मेदारियों से भागने लगता है और गलती स्वीकार करने की आदत नहीं बनती, जो आगे चलकर जीवन में गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकती है।
4. स्क्रीन टाइम पर लापरवाही बरतना
आज के डिजिटल दौर में बच्चे मोबाइल, टीवी और टैबलेट के आदी होते जा रहे हैं। पढ़ाई से लेकर खेलने तक अब हर चीज ऑनलाइन होती जा रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पैरेंट्स बच्चों को असीमित स्क्रीन टाइम दे दें।
कई बार जब बच्चे जिद करते हैं, तो माता-पिता उन्हें चुप कराने के लिए फोन या टीवी का रिमोट थमा देते हैं। यह अस्थायी समाधान भविष्य में गंभीर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
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क्या करें माता-पिता?
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बच्चों को सही और गलत का फर्क सिखाएं
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अनुशासन और आदर्श व्यवहार पर ध्यान दें
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बच्चों को गलती करने पर सिखाएं, न कि उनका बचाव करें
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स्क्रीन टाइम का एक सीमित रूटीन बनाएं और खुद भी उसका पालन करें