
Sanchar Sathi App : केंद्र सरकार ने मोबाइल सुरक्षा और डिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि भारत में बनने वाले या भारत में बेचे जाने के लिए इंपोर्ट किए जाने वाले सभी नए मोबाइल हैंडसेट में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा। यह आदेश सोमवार को सभी मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) और इंपोर्टर्स को भेजा गया।
सरकार ने साफ कहा है कि ऐप पहली बार फोन सेटअप करते समय यूज़र को स्पष्ट रूप से दिखना चाहिए, और उसके फीचर्स न तो डिसेबल हों और न ही सीमित किए जाएं। वहीं, जो डिवाइस पहले ही बन चुके हैं, उनके लिए सरकार ने सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
संचार साथी ऐप क्या है?
मई 2023 में लॉन्च हुआ यह सरकारी ऐप मोबाइल सुरक्षा के लिए बनाया गया एक इंटीग्रेटेड पोर्टल है। इसके जरिए यूज़र कर सकते हैं –
खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की रिपोर्ट
मैलिशियस वेब्लिंक की शिकायत
अपने नाम पर जारी सभी मोबाइल कनेक्शन की जांच
मोबाइल हैंडसेट असली है या नकली, इसकी पुष्टि
संदिग्ध कॉल, संदेश या फ्रॉड कम्युनिकेशन की शिकायत
ऐप की खास बात यह है कि उपयोगकर्ताओं को IMEI नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होती और न ही किसी OTP वेरिफिकेशन की।
DoT अधिकारियों के मुताबिक, इस ऐप से फ्रॉड रिपोर्टिंग बेहद आसान हो जाएगी। अब तक लोगों को वेबसाइट पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ती थी, जिससे समय लगता था। लेकिन ऐप के जरिए यह प्रक्रिया तुरंत पूरी हो सकेगी।
फ्रॉड रोकने के लिए उठाया गया कदम
DoT ने अपने बयान में कहा कि संचार साथी ऐप नागरिकों को डिजिटल फ्रॉड, नकली हैंडसेट खरीदने और टेलीकॉम संसाधनों के गलत इस्तेमाल से बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
सरकार का दावा है कि यह ऐप –
मोबाइल चोरी की रिपोर्टिंग को तेज करेगा
नकली मोबाइल बाजार पर रोक लगाएगा
टेलीकॉम फ्रॉड की मॉनिटरिंग को आसान बनाएगा
साइबर सुरक्षा को मजबूत करेगा
OEMs को 90 दिन में करना होगा तैयार
सरकार ने Apple, Samsung, Xiaomi, Vivo, Oppo सहित सभी बड़े स्मार्टफोन निर्माताओं को यह बदलाव लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया है। निर्देशों पर पूरी तरह अमल की कम्प्लायंस रिपोर्ट 120 दिनों में जमा करनी होगी।



