
RBI has given NBFC license: भारत की अग्रणी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने फ्लिपकार्ट को नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) का लाइसेंस जारी कर दिया है, जिससे अब यह प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों को सीधे लोन देने में सक्षम होगा।
यह पहली बार है जब किसी ई-कॉमर्स कंपनी को आरबीआई से NBFC लाइसेंस मिला है। अब तक फ्लिपकार्ट और उसके जैसे अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेज़न, ग्राहक को लोन देने के लिए बैंकों या NBFCs के साथ साझेदारी करते थे। लेकिन इस कदम से फ्लिपकार्ट अब स्वतंत्र रूप से लोन वितरण कर सकेगा, वो भी बिना किसी थर्ड पार्टी साझेदार के।
ग्राहकों और विक्रेताओं दोनों को मिलेगा लाभ
सूत्रों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट अपने लोन प्रोग्राम की शुरुआत आने वाले कुछ महीनों में कर सकता है। इस पहल के तहत न सिर्फ ग्राहक, बल्कि फ्लिपकार्ट पर रजिस्टर्ड विक्रेताओं को भी कार्यशील पूंजी के रूप में लोन उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा कंपनी के “सुपर मनी ऐप” के जरिए दी जा सकती है।
अमेज़न भी दौड़ में, लेकिन मंजूरी अभी बाकी
दूसरी ओर, फ्लिपकार्ट की प्रतिस्पर्धी कंपनी अमेज़न ने हाल ही में बेंगलुरु की NBFC कंपनी Axio का अधिग्रहण किया है, लेकिन फिलहाल उसे RBI से मंजूरी नहीं मिली है। यदि अमेज़न को भी लाइसेंस मिलता है, तो वह भी सीधे तौर पर लोन देने में सक्षम हो जाएगी।
IPO की तैयारी में भी फ्लिपकार्ट
फ्लिपकार्ट के भविष्य को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट, जिसने 2018 में फ्लिपकार्ट में बहुमत हिस्सेदारी खरीदी थी, अब कंपनी को भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट करवाने की तैयारी में है। इस दिशा में वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट की होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से भारत स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है।
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इस कदम के बाद, फ्लिपकार्ट का बहुप्रतीक्षित IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) भी जल्द ही आ सकता है, जिससे निवेशकों और बाजार को नई संभावनाएं मिलेंगी।