
Gorakhpur News : मध्यम वर्गीय और निर्धन परिवारों के लिए घर बनाने का सपना अब और सस्ता हो सकता है। भारतीय रेलवे ने थोक सीमेंट की माल ढुलाई दरों में महत्वपूर्ण कटौती करते हुए नई नीति लागू की है। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली स्थित रेल भवन में इस नई दर संरचना और बल्क सीमेंट टर्मिनल नीति का औपचारिक अनावरण किया।
नई नीति के तहत सीमेंट परिवहन के लिए दूरी और भार आधारित स्लैब पूरी तरह समाप्त कर दिए गए हैं, और रेलवे ने एक समान दर ₹0.90 प्रति टन प्रति किलोमीटर लागू की है। वैष्णव ने कहा कि ये सुधार सीमेंट की लागत कम करेंगे, जिससे किफायती आवास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
मंत्री ने बताया कि थोक सीमेंट के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टैंक कंटेनर पूर्णतः प्रदूषण-मुक्त, तेज और कुशल लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करेंगे। भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक देश बन गया है और देश का लगभग पूरा ब्रॉड-गेज नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है। वर्तमान में 1,300 से अधिक अमृत स्टेशनों का भी विकास जारी है।
नई दर संरचना : सरल और युक्तिसंगत प्रणाली
रेल मंत्रालय की नई दर प्रणाली ट्रेन के सकल टन किलोमीटर (GTKM) पर आधारित है। अब ट्रेडर्स को वास्तविक दूरी और वास्तविक भार के आधार पर भुगतान करना होगा। पहले की जटिल स्लैब प्रणाली को खत्म कर एक ऐसी व्यवस्था लागू की गई है जो व्यापारियों, उद्योगों और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए पारदर्शी और व्यावहारिक होगी।
टैंक कंटेनरों का मानक आकार 20×8×8.5 फीट है, जिनकी पेलोड क्षमता 26 टन और कुल भार 31 टन है। ये कंटेनर 25–30 मिनट में लोड और अनलोड हो जाते हैं, जिससे सप्लाई चेन की गति कई गुना बढ़ेगी। कंटेनर आसानी से ट्रेन से ट्रेलर और ट्रेलर से वापस ट्रेन तक स्थानांतरित किए जा सकते हैं, जिससे निर्बाध मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स संभव होगा।
बल्क सीमेंट टर्मिनल नीति लागू
नई नीति के तहत भारतीय रेलवे देशभर में बल्क सीमेंट टर्मिनलों का नेटवर्क विकसित करेगा। इन टर्मिनलों में साइलो, हॉपर, बैगिंग प्लांट और मशीनीकृत हैंडलिंग सिस्टम जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी।
नीति का उद्देश्य सीमेंट उद्योग को मल्टी-मॉडल और किफायती लॉजिस्टिक्स उपलब्ध कराना है, जिससे आवास, बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा।



