
President Draupadi Murmu’s visit to Gorakhpur: गोरखपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के आगमन के साथ ही यह शहर इतिहास रचने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेज़बानी में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों में राष्ट्रपति न केवल तीन महत्वपूर्ण संस्थानों के कार्यक्रमों में शामिल होंगी, बल्कि वह एक ऐतिहासिक सड़क मार्ग यात्रा भी करेंगी।
कार्यक्रमों की रूपरेखा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार (30 जून) को दोपहर के समय गोरखपुर पहुंचेंगी, जहां वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेकर मेधावियों को पदक प्रदान करेंगी। अगले दिन, 1 जुलाई को, वह राज्य के पहले महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, पिपरी भटहट का लोकार्पण करेंगी। इसी दिन अपराह्न महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम, बालापार सोनबरसा में अकादमिक भवन, ऑडिटोरियम, पंचकर्म का लोकार्पण तथा गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास भी किया जाएगा। इसके अलावा, राष्ट्रपति दोनों दिनों में गोरखनाथ मंदिर का दर्शन-पूजन भी करेंगी।
सड़क मार्ग से लंबी यात्रा
गोरखपुर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 129 किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय करेंगी। विशेष रूप से, वह गोरखपुर में हर गंतव्य तक सड़क मार्ग से ही यात्रा करेंगी। पहले दिन कुल 37 किलोमीटर सड़क मार्ग पर यात्रा करते हुए एयरपोर्ट, सर्किट हाउस, एम्स और गोरखनाथ मंदिर तक जाएंगी। अगले दिन, 92 किलोमीटर की यात्रा करते हुए सर्किट हाउस, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखनाथ मंदिर, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम और एयरपोर्ट तक का रूट तय करेंगी। यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का गोरखपुर में पहला लंबा सड़क मार्ग यात्रा होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का योगदान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों का व्यक्तिगत रूप से जायजा लिया है। इसके अलावा, वह अपनी आठ साल की कार्यकाल में चौथी बार गोरखपुर में राष्ट्रपति की मेज़बानी करेंगे। इससे पहले, वह तीन बार पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को गोरखपुर में आमंत्रित कर चुके हैं।
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गोरखपुर में नए कीर्तिमान की ओर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह गोरखपुर दौरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा एक नया कीर्तिमान रचने का अवसर साबित होगा। यह यात्रा न केवल गोरखपुर के लिए एक ऐतिहासिक पल है, बल्कि इसे उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है।