
Prayagraj( Soraon): गुरुवार शाम सोरांव कस्बा स्थित सिद्धपीठ गौरैया मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। गौरैया माता की महिमा पांडवकाल से चली आ रही है। माता के दर्शन के लिए हजारों भक्त आषाढ़ माह में दर्शन को लालायित रहते हैं। करीब नौ वर्ष पहले मंदिर परिसर में माता काली और श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी। जिसके बाद से हर साल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
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महाभारत कालीन सिद्धपीठ माता गौरैया के मंदिर परिसर और यज्ञशाला का निर्माण करीब सात दशक पहले सेठ मेवालाल गुप्ता ने किया था। कारण था कि इन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं हो रही थी। माता की कृपा हुई तो शंभूनाथ गुप्ता के नाम से एक संतान हुई। माता गौरैया मंदिर की सम्पूर्ण देख रेख आज भी इन्हीं के वंशज कर रहे है। माता की महिमा का चमत्कार ये है कि कोई भी भक्त आज तक खाली हांथ नहीं लौटा। चाहे वह मुकदमे में जीत की इच्छा लेकर आने वाला हो, या फिर चुनाव में जीत की इच्छा इसके अलावा माता के दरबार में नि संतान दंपति की गोद माता जरूर भरती हैं। गुरुवार शाम को कस्बा के हजारों भक्तों के सहयोग से मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें सोरांव कस्बा समेत आस पास के जंगलपुर, राजापुर मेलुहा, धामापुर आदि गांव के हजारों ग्रामीणों ने भी प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर प्रबंधक संजीव गुप्ता ने बताया कि माता का दर्शन लाभ लेने वाला आज तक खाली हांथ नहीं लौटा। भाजपा नेत्री जूली केसरवानी ने भी माता के दर्शन कर परिवार में सुख समृद्धि और सोरांव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का आशीर्वाद मांगा ।