Prayagraj news: विद्यार्थी की सफलता में शिक्षक की भूमिका अहम : न्यायमूर्ति विक्रम नाथ

Prayagraj news: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित विशिष्ट पुराछात्र सम्मान समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि विद्यार्थी की सफलता में शिक्षकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि शिक्षकों की डांट से डरें नहीं, क्योंकि वही जीवन का सबसे मूल्यवान पाठ सिखाती है।

कार्यक्रम का आयोजन यूनिवर्सिटी ऑफ इलाहाबाद एल्युमनाई एसोसिएशन द्वारा ईश्वर टोपा भवन सभागार में किया गया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के चार वर्तमान न्यायाधीशों — न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, सुधांशु धूलिया, पंकज मित्थल और मनोज मिश्र का सम्मान किया गया।

“मेहनत ही सफलता की कुंजी” : विक्रम नाथ
न्यायमूर्ति नाथ ने कहा कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती और आराम से उज्ज्वल भविष्य संभव नहीं है। विद्यार्थियों को सच्चे मन से अध्ययन करने और शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गलतियों को बताने वाले व्यक्ति ही सच्चे शुभचिंतक होते हैं।

“सहिष्णुता है भारत की नींव” : सुधांशु धूलिया
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने अपने वक्तव्य में भारत की विविधता और सहिष्णुता को देश की नींव बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल पठन-पाठन का केंद्र नहीं, बल्कि सोच और दृष्टिकोण विकसित करने की भूमि है। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज से जुड़े रहने और जिम्मेदार नागरिक बनने की सलाह दी।

“अनुभव जीवन के शिक्षक” : पंकज मित्थल
न्यायमूर्ति पंकज मित्थल ने कहा कि कक्षा के अलावा अनुभव भी विद्यार्थी को बहुत कुछ सिखाते हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बिताया समय उनके लिए जीवन की पूंजी रहा। उन्होंने अपने शिक्षकों और विश्वविद्यालय परिसर से मिले प्रेरणास्रोतों को याद किया।

“तकनीक के साथ मानवीयता भी आवश्यक” : मनोज मिश्र
न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने कहा कि तकनीकी ज्ञान के साथ सामाजिक विज्ञान, साहित्य और कला की समझ भी जरूरी है ताकि विद्यार्थियों में संपूर्णता और संवेदनशीलता विकसित हो।

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“इविवि ने पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा की लौ जलाई” : कुलपति
कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कला और विज्ञान के समन्वय की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का गौरव इसके शिक्षक और विद्यार्थी हैं। समारोह में कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन, प्रोफेसरगण एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रो. जया कपूर और स्वागत भाषण प्रो. हेराम्ब चतुर्वेदी ने दिया।

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

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