Prayagraj News-Operation Sindoor ऑपरेशन सिंदूर के बाद फिर चर्चा में आया इरादत गंज हवाई अड्डा

अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी जमीनरक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश

Prayagraj News-ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रयागराज की इरादतगंज हवाई पट्टी फिर चर्चा में है। रक्षा मंत्रालय ने पुरानी हवाई पट्टियों को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया है जिसके बाद रक्षा संपदा कार्यालय सक्रिय हो गया है। पहले दिन पडिला हवाई पट्टी से अतिक्रमण हटाया गया। इरादतगंज हवाई पट्टी जो कभी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण थी को फिर से तैयार किया जाएगा।
बदहाल स्थिति में इरादतगंज हवाई पट्टी।‌

रक्षा मंत्रालय ने सभी पुरानी हवाई पट्टी को अतिक्रमण मुक्त करने का दिया आदेश।
रक्षा संपदा कार्यालय सक्रिय, पहले दिन पडिला हवाई पट्टी सेअतिक्रमण हटाओ अभियान शुरूऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रयागराज की ऐतिहासिक इरादतगंज हवाई पट्टी एक बार फिर सुर्खियों में है। उसे फिर से तैयार किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने सभी पुरानी हवाई पट्टी को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया है। इसके बाद रक्षा संपदा कार्यालय सक्रिय हो गया है।

पहले दिन पडिला हवाई पट्टी से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। कभी दूसरे विश्व युद्ध और 1971 के भारत-पाक युद्ध में रणनीतिक भूमिका निभाने वाली यह हवाई पट्टी वर्तमान में लावारिस पड़ी है। रक्षा सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने इसे फिर से तैयार करने का निर्णय लिया है।
बारा और करछना तहसील के अंतर्गत 1200 एकड़ में फैली इरादतगंज हवाई पट्टी का निर्माण दूसरे विश्व युद्ध से पहले हुआ था। दो किलोमीटर लंबा रनवे और सात हैंगर इसे सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण बनाते थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध में यहां से विमान उड़ान भरते थे और बांग्लादेशी शरणार्थियों को दो वर्ष तक आश्रय दिया गया।
इरादतगंज हवाई पट्टी पर अवैध रूप से किया गया मिट्टी का खनन।

इरादतगंज स्टेशन से हवाई पट्टी तक रेलवे लाइन खाद्य और पानी की आपूर्ति के लिए थी, जो अब गायब है। बाद में FCI ने यहां गोदाम बनाए, जो अब खंडहर हैं। हवाई पट्टी की अधिकांश जमीन पर दो दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया है।
बस्तियां, खेतीबाड़ी, मान्यता प्राप्त हाई स्कूल और कई ईंट भट्ठे अवैध रूप से चल रहे हैं। शिक्षा और पर्यावरण विभाग ने इनके लिए लाइसेंस भी जारी किए। 5-10 फीट गहरे अवैध खनन ने जमीन को गड्ढों से भर दिया है। यह सब स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं।

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रक्षा मंत्रालय का सख्त रुख
रक्षा संपदा विभाग ने इरादतगंज में सर्वे शुरू कर दिया है। रनवे को बहाल कर नई सैन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। अवैध कब्जों, खेत बागवानी बाग बगीचों स्कूलों और भट्ठों पर कार्यवाही जोरों पर है | रक्षा मंत्रालय अवध कब्जा आधार को के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की तैयारी में है । अवैध कब्जों और खनन की जांच से प्रशासन, शिक्षा और पर्यावरण विभाग में हड़कंप है। जांच से कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। ग्रामीणों में बस्तियां हटने की आशंका से बेचैनी है।
इरादतगंज हवाई पट्टी की भूमि पर चल रहा ईंट भट्ठा।
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इरादतगंज हवाई पट्टी का सामरिक महत्व
इरादतगंज हवाई पट्टी का सामरिक महत्व है। रक्षा मंत्रालय की पहल से हवाई पट्टी का गौरव लौटेगा और क्षेत्र में रोजगार व विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने का संदेश देता है। यदि इरादतगंज हवाई पट्टी को फिर से तैयार किया जाता है तो यह भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर होगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ने से सैन्य तैनाती में समय बचेगा, जो युद्ध में निर्णायक साबित हो सकता है।

रक्षा मंत्रालय की ओर से हवाई पट्टी को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश आया है। उसी क्रम मेंपडिला हवाई पट्टी पर अतिक्रमण हटाने का क्रम शुरू कर दिया गया है। कल भी अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके बाद इरादतगंज हवाई पट्टी से भी अतिक्रमण को पूरी तरह से हटाया जाएगा। -अरविंद कुमार यादव, प्रशासनिक अधिकारी, रक्षा संपदा
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान इरादतगंज हवाई पट्टी पक्की फर्श होने के कारण अपने आप में आज भी रंनवे को दर्शाती है | लेकिन इस रनवे को महाकुंभ के दौरान पार्किंग बना दिया गया था| इरादतगंज हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की योजना एक कदम और आगे बढ़ गई है | प्रयागराज डीएम द्वारा बनाई गई टीम ने हवाई पेट के आसपास क्षेत्र का सर्वे किया | इरादत गंज हवाई पट्टी की लंबाई 1590 मीटर लंबा मीटर चौड़ा रनवे मिला जबकि हवाई अड्डे के लिए 3850 मी लंबे और 300 मीटर चौड़े की रनवे की जरूरत पड़ती है सर्वे टीम ने पाया हवाई अड्डा बनाने के लिए जितनी जमीन चाहिए वह आसपास के गांव में पहले से ही मौजूद है इस जमीन का अधिग्रहण ब्रिटेन सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया था दूसरी और सर्वे की जानकारी मिलते ही आसपास के ग्रामीण और भट्टा संचालक को मैं अफरा तफरी मची रही| नए हवाई अड्डे के लिए पूर्व सांसद रेवती रमन सिंह की पहाड़ पर डीएम ने चार सदस्य टीम बनाकर सर्वे करवाया| सर्वे टीम के अनुसार हवाई पट्टी और उसके आसपास वर्तमान आबादी को देखते हुए प्रशासन को पत्र लिखा अफसर ने बताया कि अंग्रेजों ने हवाई पट्टी के लिए इरादतगंज 83 बीघा बोगी 140 बीघा चौखटा 100 बीघा चार विश्व उभारी 21 बीघा पांच विश्व| चक मोहम्मद रफी 26 बीघा 10 बिस्वा जमीन अधिग्रहित किया गया था मौके पर इस जमीन पर किसानों का कब्जा बरकरार।

क्षेत्र में कई जगह आबादी बढ़ चुकी है ग्रामीणों के अनुसार आसपास के रिहायशी इलाकों में भी मकान बना लिए गए हैं |रनवे के आसपास 5 भट्टे मौजूद हैं वहीं दूसरी तरफ कर्मिक राम शंभू पजल योजना की टंकी बनी हुई है जो क्षेत्र में पानी सप्लाई का काम भी करता है तादोउपरान्त बिजली विभाग के तीन हाई टेंशन लाइन लगी हुई है| पूर्व उप जिलाधिकारी बारा के तीन करछना के नौ राजस्व ग्रामों की जमीन हवाई अड्डों के लिए प्रस्तावित है | वहीं क्षेत्र में दूसरी तरफ इरादतगंज में हवाई अड्डा बनने से क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल व्याप्त है।

रिपोर्ट: सलीम खान जसरा प्रयागराज

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