
Prayagraj News : तीर्थराज प्रयागराज, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वहाँ से उठी एक ऐतिहासिक मांग ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। प्रसिद्ध समाजसेवी, संत और शिक्षाविद आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला गुरुजी ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि प्रयागराज के दो गौरवशाली सपूत — डॉ. मुरली मनोहर जोशी और स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा — को उनके असाधारण योगदान के लिए “भारत रत्न” से सम्मानित किया जाए।
गुरुजी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में कहा —
“इन दोनों महापुरुषों ने राष्ट्र निर्माण में जो भूमिका निभाई, वह अमिट है।
एक ने शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति लाई, तो दूसरे ने राजनीति को सेवा का साधन बनाया।
यह केवल प्रयागराज की नहीं, बल्कि पूरे भारत की मांग है कि दोनों विभूतियों को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए।”
ज्ञान और विज्ञान के प्रतीक: डॉ. मुरली मनोहर जोशी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफेसर, शिक्षाविद और भारत सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी भारतीय शिक्षा प्रणाली में राष्ट्रीयता, संस्कृति और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सेतु माने जाते हैं।
उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा को आत्मनिर्भरता और राष्ट्रभक्ति से जोड़ा।
उनके नेतृत्व में प्रयागराज को मिला इलाहाबाद विश्वविद्यालय का केंद्रीय विश्वविद्यालय दर्जा, ट्रिपल आईटी (IIIT) जैसी संस्थाओं की स्थापना, और यमुना ब्रिज जैसे विकास कार्य, उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण का प्रमाण हैं।
आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला गुरुजी ने कहा
“डॉ. जोशी ने प्रयागराज को शिक्षा का तीर्थ बना दिया।
वे सादगी, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की जीवंत मूर्ति हैं।
उनके कार्यों से नई पीढ़ी में देशभक्ति की लौ आज भी प्रज्वलित है।”
जनसेवा और विकास के मसीहा: स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा
उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा ने राजनीति में ईमानदारी और पारदर्शिता की नई परंपरा स्थापित की।
उनके कार्यकाल में प्रयागराज और उसके आसपास के क्षेत्रों में किसानों के लिए नहरों का जाल बिछाया गया, औद्योगिक कल-कारखानों का विस्तार हुआ, और प्रशासनिक सुधारों से सुशासन का नया अध्याय शुरू हुआ। गुरुजी ने कहा “बहुगुणा जी सत्ता के नहीं, सेवा के प्रतीक थे। उन्होंने राजनीति को जनहित की दिशा दी और समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित जीवन जिया।”
जनता की आवाज प्रयागराज के गौरव को मिले राष्ट्र का गौरव
आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला गुरुजी की यह मांग अब एक जन आंदोलन का रूप लेती जा रही है।
शहर के नागरिक, शिक्षाविद, छात्र और समाजसेवी इस अपील का समर्थन कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने कहा — “डॉ. जोशी और बहुगुणा जी दोनों ने प्रयागराज की आत्मा को राष्ट्रीय पहचान दी। भारत रत्न देकर सरकार को उनके योगदान का सम्मान करना चाहिए।”
गुरुजी की अपील
“प्रयागराज ने भारत को अनगिनत रत्न दिए हैं।
डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने शिक्षा में प्रकाश फैलाया,
और हेमवती नंदन बहुगुणा ने राजनीति को जनसेवा की राह दिखाई।
इन दोनों को भारत रत्न देना पूरे भारत की आत्मा का सम्मान होगा।”
प्रयागराज केवल एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र रहा है।
डॉ. जोशी और स्व. बहुगुणा जैसे विभूतियों ने इस शहर को “विचारों की राजधानी” बनाया।
आज जब देश विकास की नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ रहा है, तब इन दोनों महापुरुषों का योगदान नई पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।
राजेश मिश्रा प्रयागराज



