
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत व सेवानिवृत्त पुलिस उप निरीक्षकों व मुख्य आरक्षियों के वेतनमान पुनर्निर्धारण से वेतन में कटौती करने व वसूली आदेश पर रोक लगा दी है।और राज्य सरकार से याचिकाओं पर जवाब मांगा है। याचिकाएं मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मथुरा इटावा के पुलिस कर्मियों द्वारा दाखिल की गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने गाजियाबाद के रिटायर्ड मुख्य आरक्षी ड्राइवर राजवीर सिंह व अन्य जिलों के आधे दर्जन याचियों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता कैलाश प्रकाश पांडेय ने बहस की।
इनका कहना है कि पुलिस कर्मियों के वेतन के पुनर्निर्धारण के कारण वेतन कम कर दिया गया।जबकि 2दिसंबर 2000के शासनादेश के अनुसार कार्यवाही की गई थी।जिसके अनुसार 14साल की सेवा पूरी करने पर प्रथम प्रोन्नति वेतनमान व 24साल की सेवा पूरी करने पर द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान दिये जाने की व्यवस्था दी गई है।4मई 2010के शासनादेश से ए सी पी लागू की गई। जिसमें कहा गया कि 30नवंबर 2008से पहले 24साल की सेवा पूरी करने वालो पर 4मई 2010का शासनादेश लागू नहीं होगा। 2दिसंबर 2000का शासनादेश लागू होगा।ऐसे ही मामले में अन्य याचिका पर कोर्ट ने पुनर्निर्धारण के बाद वेतन कटौती आदेश पर रोक लगा दी है।उसी याचिका से संबद्ध करते हुए कोर्ट ने याचियों को भी वही लाभ दिया है।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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