
Prayagraj News-हिंदी विश्वविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर हुआ कार्यशाला का आयोजन कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग हमें सजगता और विवेक के साथ करना चाहिए– प्रो. अखिलेश कुमार दुबे आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के डॉ. मनीष कुमार जैसल ने दिया प्रशिक्षण महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र, झूंसी प्रयागराज में 23 सितंबर को मा. कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा की प्रेरणा से कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर के जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष जैसल रहे। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इसकी उपयोगिता और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। आज की दुनिया में एआई का प्रयोग पत्रकारिता, अनुसंधान और समाज के हर क्षेत्र में नई संभावनाएँ पैदा कर रहा है। एआई की मदद से सूचनाओं का विश्लेषण, सामग्री निर्माण और निर्णय लेना अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक तरीके से हो सकता है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
कार्यशाला की अध्यक्षता क्षेत्रीय केंद्र के अकादमिक निदेशक प्रो. अखिलेश दुबे ने की। प्रोफेसर अखिलेश दुबे ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) कोई रहस्यमयी शक्ति नहीं, बल्कि इंसान की सोच और परिश्रम से पैदा हुआ एक विशिष्ट हुनर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह वह तकनीक है, जिसे मनुष्य ने बनाया है और आगे भी यह इंसान की दिशा-निर्देशों और नियंत्रण के आधार पर ही कार्य करेगी। प्रोफेसर दुबे के अनुसार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार का आधार बन चुकी है। लेकिन इसे अपनाने का सबसे बड़ा लाभ तभी मिलेगा, जब समाज इसे केवल मशीनों की शक्ति न समझे, बल्कि इसे एक ऐसा हुनर माने जिसे हर कोई सीख सकता है और अपने जीवन में उपयोग कर सकता है। उन्होंने छात्रों और युवाओं से अपील की कि वे एआई तकनीकों से भयभीत न हों, बल्कि इसे अपने ज्ञान को बढ़ाने और संभावनाओं का नया क्षितिज खोलने के अवसर के रूप में देखें। प्रशिक्षण के उपरांत डॉ. मनीष कुमार जैसल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संबंधित प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अख्तर आलम ने किया। आभार ज्ञापन फिल्म विभाग के सहायक आचार्य डॉ यशार्थ मंजुल ने किया।

इस अवसर पर डॉ सुप्रिया पाठक, डॉ अवंतिका शुक्ला, डॉ. आशा मिश्रा, डॉ. मिथिलेश कुमार तिवारी, डॉ. सत्यवीर, डॉ. विजया सिंह, डॉ. कृष्णा द्विवेदी शोधार्थी और छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इनमें सुभाष श्रीवास्तव, रश्मि, प्रत्यूष शुक्ल और दिपेश कुमार भौतिक रूप से उपस्थिति रहे साथ ही डॉ. राम प्रकाश यादव, डॉ. गीता साहू, उमेश शर्मा, मंजरी कुशवाहा आदि आभासी माध्यम से कार्यशाला में सहभागिता की।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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