Prayagraj News-इविवि में बनाया गया 138वां स्थापना दिवस समारोह

प्रसिद्ध लोक गायिका पद्श्री मालिनी अवस्थी को प्रदान की गई ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि कुलपति बोलीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने

Prayagraj News-इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज में मंगलवार को 138वां स्थापना दिवस समारोह सीनेट परिसर स्थित सभागार में मनाया गया। बतौर मुख्यातिथि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, इलाहाबाद हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश एमसी त्रिपाठी सहित अतिथियों की गरिमामई उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके बाद विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। इविवि के स्थापना दिवस कार्यक्रम में पद्श्री मालिनी अवस्थी को ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रदान की।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि हम यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्थापना अवसर पर इकठ्ठा हुए हैं। उन्होंने इस अवसर पर इलाहाबाद शहर के विकास के साथ विश्वविद्यालय के स्थापित होने के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। साथ ही विश्वविद्यालय की स्थापना में योगदान देने वाले विभिन्न महानुभावों को भी याद किया। उन्होंने विभिन्न किताबों और प्रकाशित साहित्यों में दर्ज विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक विकास की कहानी को भी उद्धृत किया। साथ ही विश्वविद्यालय स्थापना के बाद लॉ स्ट्रीम से पहले बैच में मोतीलाल नेहरू के पास आउट का भी जिक्र किया। विश्वविद्यालय ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं, विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति से लेकर कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री भी दिए जिन्होंने देश को नेतृत्व प्रदान किया है। इसके साथ ही, हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट के कई न्यायाधीश भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुए हैं। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर अनगिनत शिक्षाविदों ने विश्व में प्रयागराज का नाम रोशन किया है। साहित्य सृजन के क्षेत्र में भी इविवि ने सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पांच साल के छोटे कार्यक्रम में विश्वविद्यालय ने कई बड़े बदलाव देखे हैं।
इस दौरान 370 शिक्षकों की और 611 गैर शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के कीर्तिमान बने हैं तो अनुशासन को पुनः स्थापित किया गया है। इसके साथ ही कई नए भवन भी निर्मित किए गए हैं। लंबे समय बाद एलुमिनाई एसोसिएशन का पुर्नगठन किया गया है जिससे इविवि की जड़े मजबूत हुई हैं। नई शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू किया गया है, अब विश्वविद्यालय में चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम हो रहा है। इसके साथ ही एनआईआरएफ रैंकिंग में भी इविवि को स्थान मिला है। पिछले चार में 60 पेटेंट ग्रांट हुए हैं और 7540 रिसर्च पेपर्स स्कोपस में इंडेक्सड हुए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में दादरा नगर हवेली से दिल्ली तक, गुजरात, उड़ीसा समेत भारत के 26 राज्यों से छात्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। उन्होंने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति में भी सुधार हुआ है। उन्होंने रवीन्द्रनाथ टैगोर की पंक्तियों के साथ अपना भाषण समाप्त किया।

पद्श्री मालिनी अवस्थी ने ग्रहण की ऑनरोस कॉजा की उपाधि
भारतीय लोक संस्कृति की ख्याति को विदेशों तक पुहुंचाने के लिए पद्श्री मालिनी अवस्थी को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ओर से ऑनरोस कॉजा की मानद उपाधि कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने प्रदान की। इस अवसर पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्तकर गर्व महसूस कर रही हूं। मेरा साहित्य से प्रारंभ से लगाव रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे शिक्षा इलाहाबाद में मिली लेकिन दीक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई है। जिस अवधी संस्कृति को आगे बढ़ाया वह इलाहाबाद की बोली से उप्पन्न हुई है। इविवि की कुलगुरू प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने आमंत्रित कर सम्मान दिया, जरूर पूर्वजन्म के संस्कार होंगे कि मुझे इलाहाबाद विवि से सम्मान मिला है। प्रयागराज के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयाग स्टेशन पर कुल्हड़ की चाय पीना और संगम तट पर घूमना सदैव याद आता है। जिन विद्वानों ने इस इविवि के ज्ञान को सिद्ध किया है, उन सभी को आह्वान कर उनसे आर्शीवाद चाहूंगी। उन्होंने कहा कि साहित्य के बिना संगीत नहीं चल सकता है। यहां की सांस्कृतिक सत्ता को प्रणाम करती हूं, इस गुरूकुल को प्रणाम करती हूं।

लोक गायिका पद्श्री मालिनी अवस्थी ने जीवंत किया लोकगायन
स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने जीवंत लोकगायन प्रस्तुत किया। उन्होंने अवधी लोकगीतों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी, जिसने पूरी दर्शक-मंडली को लोक-संगीत की मधुरता और उत्साह से सराबोर कर दिया। उनके भावपूर्ण गायन और लयबद्ध प्रस्तुति ने संध्या को एक अविस्मरणीय अनुभव में बदल दिया, जिसे उपस्थित लोग अपनी स्मृतियों में लंबे समय तक संजोकर रखेंगे।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. जया कपूर और डा. शैलेष गौतम ने किया। कवि और गीतगार डा. शैलेष गौतम ने बेटियों पर केंद्रित एक कविता सुनाकर समां बांध दिया। इस दौरान कुलसचिव प्रो. आशीष खरे सहित सभी संकायों के अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

Prayagraj News-Read Also-Sonbhadra news: 1700 रूपये बकाया नही देने पर गला दबाकर की हत्या, दो आरोपी गिरफ्तार

Show More

Related Articles

Back to top button