
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) को निर्देश दिया है कि चालकों और परिचालकों के खाली पदों पर तुरंत नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। अदालत ने साफ कहा कि अनुकंपा नियुक्तियां केवल नियमानुसार सीमित दायरे में होंगी, पूरी भर्ती प्रक्रिया का आधार नहीं बन सकतीं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने अलीगढ़ निवासी निधि शर्मा समेत अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष
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याचीगण ने मांग की थी कि उन्हें अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी जाए।
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उन्होंने शासनादेशों को चुनौती दी, जिनमें एक साथ 1165 पदों पर अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
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उनका कहना था कि केवल मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देना संविधान के समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन है और इससे 100% आरक्षण जैसा प्रभाव पड़ रहा है।
कोर्ट का रुख
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कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं।
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निधि शर्मा का आवेदन समय सीमा के बाहर पाया गया, क्योंकि उनके पिता की मृत्यु 2006 में हुई थी।
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अदालत ने कहा कि यूपीएसआरटीसी में कई वर्षों से नियमित भर्ती न होने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हैं।
निर्देश
कोर्ट ने आदेश दिया कि—
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चालकों व परिचालकों के खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
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अनुकंपा नियुक्तियां केवल हर वर्ष नियमानुसार तय संख्या में ही हों।
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युवाओं को समान अवसर मिल सके, इसके लिए संविधानसम्मत भर्ती प्रणाली लागू हो।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज