
Prayagraj News:इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डायमण्ड जुबिली छात्रावास में “नव्य मानवतावाद” विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में श्री श्री आचार्य दिव्य चेतनानंद अवधूत जी महाराज जी ने अपना वक्तव्य दिया एवं नव्य मानवतावाद समेत आचार्य कृष्ण मूर्ति जी का विज्ञान, अध्यात्म एवं सामाजिकता पर भी बातचीत की। उन्होंने धर्म और रिलीज़न में अन्तर स्पष्ट करते हुए उसकी बारीकियों को उजागर किए। उन्होंने अपनी संस्था आनन्द मार्ग प्रचारक संघ की क्रियाविधि एवं समाज के जरूरतमंद लोगों की सहायता में कैसे कार्य करते हैं इस पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य कुछ पाना नहीं बल्कि हमारे माध्यम से हमारे 150 से अधिक देशों में जो केंद्र हैं और उनसे संबंधित लाखों लोगों के जीवन में हम कुछ परिवर्तन ला सकें यह लक्ष्य है।
कार्यक्रम की शुरुआत में छात्रावास संरक्षक प्रो० राजेश कुमार गर्ग जी ने स्वामी जी का स्वागत किए एवं भारतीय ज्ञान परम्परा पर प्रकाश डालें। उन्होंने कालिदास के श्लोक के माध्यम से भारतीय मनीषियों, संतों एवं दार्शनिकों की वृहद परम्परा पर चर्चा किये। छात्रावास के अधीक्षक डॉ० शैलेन्द्र कुमार सिंह जी ने श्री आचार्य दिव्य चेतनानंद अवधूत जी महाराज जी का परिचय कराते हुए उनकी विशिष्ट एवं वृहद कार्य को सराहा। साथ ही साथ उन्होंने मानव को मानव बने रहने एवं संवेदनशीलता बनाए रखने की प्रेरणा दी। अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने अशिक्षा, भुखमरी को समाप्त करने के लिए एवं मानवता को बनाए रखने के लिए अन्तेवासियों से आह्वान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अनुभव कुमार दूबे ने किया। कार्यक्रम में व्यवस्था छात्रावास कार्यालय प्रमुख आशीष सिंह ‘गुडान’ जी ने किया। कार्यक्रम में छात्रावास के समस्त अन्तेवासी मौजूद रहें। इस तकनीकी सत्र से मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से सभी लाभान्वित हुए।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज