
Prayagraj News-उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
कोर्ट का आदेश
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निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में चल रही पूरी कार्यवाही रद्द।
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पुलिस का आरोप पत्र और ट्रायल कोर्ट का सम्मन आदेश भी रद्द।
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आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने सुनवाई के बाद दिया।
मामला क्या था?
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20 सितम्बर 2019 को वाराणसी कोतवाली में धारा 144 लागू होने के बावजूद जुलूस निकालने पर मुकदमा दर्ज।
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अजय राय और 10 अन्य पर IPC धारा 188 (सरकारी आदेश की अवज्ञा) में केस।
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पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और ट्रायल कोर्ट ने सम्मन जारी कर दिया था।
अजय राय की दलील
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मामला राजनीतिक कारणों से दर्ज किया गया।
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शांतिपूर्ण जुलूस निकालना धारा 188 के तहत अपराध नहीं।
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सिर्फ धारा 144 के उल्लंघन से अपराध सिद्ध नहीं होता, जब तक अवरोध या हिंसा न हो।
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CRPC धारा 195(1)(a)(1): धारा 188 के मामले में सिर्फ लोक प्राधिकारी के लिखित परिवाद पर ही अदालत संज्ञान ले सकती है, सीधे पुलिस रिपोर्ट पर नहीं।
सरकारी पक्ष
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अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने माना कि सीधे पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता।
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परंतु उनका तर्क था कि आरोप पत्र रद्द करने से पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य भी निष्प्रभावी हो जाएंगे।
हाईकोर्ट का निष्कर्ष
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ट्रायल कोर्ट ने पुलिस रिपोर्ट पर सीधे संज्ञान लिया, जो विधिक रूप से गलत है।
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लिखित परिवाद की अनुपस्थिति में कार्यवाही अवैध।
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इसलिए आरोप पत्र और सम्मन आदेश दोनों रद्द किए जाते हैं।
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