
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थरवई थाना पुलिस द्वारा बिना किसी एफआईआर, सर्च या गिरफ्तारी वारंट के अधिवक्ता के घर में घुसकर उनके पुत्र संजय को हिरासत में लेने, नकदी व सोने की चेन छीनने के आरोपों को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सरकार से पूरी जानकारी मांगी है।
अगली सुनवाई 19 सितंबर को
न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव व न्यायमूर्ति ए.के. सिंह देशवाल की खंडपीठ ने यह आदेश अधिवक्ता राजकुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि मांगी गई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई तो पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को तलब करने पर विचार किया जाएगा।
सरकार से मांगे जवाब
अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अरविंद सिंह से पूछा गया है कि—
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क्या याची के पुत्र की शिकायत थाने में दर्ज हुई थी? यदि हुई तो उसकी प्रति पेश की जाए।
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29 मई को डीसीपी गंगापार को भेजे गए पत्र के आधार पर जांच पूरी हुई या नहीं?
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विवाद का स्थल क्या था और किस अधिकार से पुलिस याची के घर में दाखिल हुई?
याची पक्ष का आरोप
याची की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बहस करते हुए कहा कि थरवई पुलिस पड़ोसी के कहने पर घर में घुसी। उनके मुवक्किल के पुत्र के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं थी, न ही पुलिस के पास वारंट था। फिर भी नकदी व चेन छीन ली और पुत्र को थाने ले जाकर धमकाया गया। शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद हाईकोर्ट की शरण ली गई।
अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज