
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाफ की कमी के कारण केस रिकॉर्ड पेश न कर पाने पर कड़ी नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति समीर जैन ने मेरठ निवासी कपिल कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण केस का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो सका, इसलिए वे कोर्ट की सहायता करने में असमर्थ हैं और अगली तारीख दी जाए। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह अब “रूटीन” बन चुका है कि या तो सरकारी वकील को समय पर निर्देश नहीं मिलते या फिर केस रिकॉर्ड नहीं भेजा जाता, जिसके चलते जमानत याचिकाएं बार-बार स्थगित करनी पड़ती हैं।
शासकीय अधिवक्ता ने भी स्वीकार किया कि स्टाफ की कमी के कारण फाइलें समय पर उपलब्ध नहीं हो पातीं और यह मुद्दा विधि परामर्शी (एलआर) तक पहुंचाया गया है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
इस स्थिति को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने विधि परामर्शी को 10 सितंबर, 2025 को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही, आदेश की प्रति 48 घंटे के भीतर सरकारी वकील को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया है।
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रिपोर्ट:राजेश मिश्रा प्रयागराज