
Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मोहम्मद आजम खां पर 2016 में यतीमखाना से बलपूर्वक बेदखली मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे के अंतिम फैसले पर लगी रोक चार अगस्त तक बढ़ा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने दिया है।
ट्रायल कोर्ट में याचियों ने मांग की थी कि मुख्य गवाहों, विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी की दोबारा गवाही कराई जाए और महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज को रिकॉर्ड में लाया जाए, जो उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकती है। ट्रायल कोर्ट ने इस मांग को 30 मई 2025 के आदेश से खारिज कर दी थी। इसे आजम खां ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आजम खां की याचिका को सह-आरोपियों की लंबित याचिका के साथ संबद्ध कर दिया गया है।
मालूम हो कि रामपुर के कोतवाली थाने में 2016 में यतीमखाना को ढहाने के मामले में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। आजम खां और अन्य पर जबरन बेदखली, डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। एमपी/एमएलए कोर्ट में यह मुकदमा चल रहा है।