
Prayagraj News-“जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” थीम पर केंद्रित भूजल सप्ताह (16–22 जुलाई) के अंतर्गत मंगलवार को समापन समारोह आयोजित हुआ।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हर्षिका सिंह की अध्यक्षता में भूजल संरक्षण और पुनर्भरण पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के सभी विभागों ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी का शुभारंभ एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति
गोष्ठी की शुरुआत मुख्य विकास अधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।
इसके उपरांत राष्ट्रीय कवियत्री वंदना शुक्ला द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, जिससे समारोह का माहौल आध्यात्मिक और प्रेरणादायक बना।
भूजल पर तकनीकी जानकारी और प्रस्तुतियाँ
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हाइड्रोलॉजिस्ट रवि शंकर पटेल और अविरल सिंह (भूगर्भ जल विभाग) ने भूजल संरक्षण हेतु आयोजित गतिविधियों और जन-जागरूकता कार्यक्रमों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. जयंत नाथ त्रिपाठी ने प्रदेश की भूजल उपलब्धता, रिचार्ज तकनीक और जल संचयन के उपायों पर उपयोगी जानकारी दी।
प्रतियोगिताओं में छात्रों की भागीदारी
गोष्ठी में छात्र-छात्राओं ने स्लोगन, पोस्टर और मॉडल प्रदर्शित किए।
प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पदक और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
रूफ-टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर विशेष निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को अनिवार्य रूप से रूफ-टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली को लागू करने के निर्देश दिए, ताकि भूजल पुनर्भरण को सशक्त किया जा सके।
संदेश
यह कार्यक्रम भूजल संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही।
“जल है तो कल है” के संदेश को सशक्त बनाते हुए छात्रों और विभागों की सहभागिता ने इस सप्ताह को सार्थक बनाया।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज