
Prayagraj News-अब उत्तर प्रदेश पुलिस अदालत में विचाराधीन मामलों में न तो विवादित स्थलों का दौरा कर सकेगी और न ही पक्षकारों के वकीलों से सीधे संपर्क करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि सरकार इस बाबत एक राज्यव्यापी गाइडलाइन जल्द जारी करने जा रही है।
यह मामला जौनपुर जिले के एक गांव से जुड़ा है, जहाँ ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने याचिका वापस लेने के लिए धमकाया, और बाद में उनके अधिवक्ता के घर छापेमारी भी की गई।
इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर टिप्पणी की। कोर्ट ने वकीलों के पेशेवर कार्य में हस्तक्षेप को अस्वीकार्य बताया। जवाब में पुलिस अधीक्षक, जौनपुर ने दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने और अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी करने की जानकारी दी। साथ ही 12 जुलाई को उन्होंने जिले भर के थानों को स्पष्ट आदेश जारी किया कि बिना कोर्ट की अनुमति कोई पुलिसकर्मी विवादित स्थल पर न जाए और न ही वकीलों से संपर्क करे।
अपर महाधिवक्ता ने गाइडलाइन तैयार करने के लिए दस दिन का समय माँगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई, 2025 को होगी।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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