
Prayagraj News-किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी प्रयागराज के निर्देश पर जनपद में उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। 16 जुलाई 2025 को तहसीलवार गठित जांच टीमों द्वारा जिलेभर के निजी एवं सहकारी उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठानों पर अकस्मात छापेमारी की गई।
जांच में भौतिक स्टॉक, स्टॉक व रेट बोर्ड, पीओएस मशीन, और स्टॉक/विक्रय रजिस्टर का तुलनात्मक सत्यापन किया गया। साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि किसानों से निर्धारित मूल्य से अधिक शुल्क न लिया जाए और उर्वरकों के साथ अन्य वस्तुओं की जबरन बिक्री (टैगिंग) न हो।
दो प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निलंबित
जिला कृषि अधिकारी के.के. सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान दो उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठानों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया:
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मे. सुनीता ट्रेडर्स, कोरांव
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मे. कृष्णा खाद भंडार, अमिलिहां, सिरसा, मेजा
इन पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिससे लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की गई।
सात विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी
सात अन्य उर्वरक विक्रेताओं को भंडारण, रख-रखाव एवं रिकॉर्ड में गड़बड़ी के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया:
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मे. आर.आर. एजेंसी
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मे. कुलदीप राज प्रयाग सरन
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मे. प्रभु दयाल एंड ब्रदर्स
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मे. देव पवन ट्रेडर्स
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मे. रामस्वरूप रमेश चंद्र (थोक विक्रेता)
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मे. किशन लाल खाद भंडार
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मे. अखिलेश खाद भंडार
इन प्रतिष्ठानों पर रिकॉर्ड अधूरा रखने, सही भंडारण न करने तथा अनुचित प्रथाओं का पालन करने के आरोप हैं।
53 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण, 26 नमूनों की जांच
जांच दलों ने कुल 53 उर्वरक बिक्री प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। 26 उर्वरक नमूने संदेह के आधार पर लिए गए हैं, जिन्हें प्रयोगशाला भेजा जाएगा। यदि नमूने मानक विहीन (अमानक) पाए गए, तो नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
कड़ी चेतावनी: दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
जिला कृषि अधिकारी ने स्पष्ट किया कि:
“कालाबाजारी, जमाखोरी, ओवररेटिंग, टैगिंग और अभिलेखीय गड़बड़ी करने वाले उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के तहत कठोरतम विधिक कार्रवाई की जाएगी।”
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज