Prayagraj News-फर्जी मेडिकल बनाने के आरोपों पर प्रयागराज जिलाधिकारी सख्त, तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

Prayagraj News-प्रयागराज जिले में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने और अनुचित लाभ लेकर गंभीर चोट के झूठे प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सख्त कदम उठाया है। दो अलग-अलग शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो पूरे जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) द्वारा जारी की गई मेडिकल रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग करेगी।

फर्जी मेडिकल के जरिए मुकदमा दर्ज कराने का आरोप

प्रकरण की शुरुआत धनंजय पांडेय, निवासी ग्राम बारी, तहसील सोरांव की शिकायत से हुई। उन्होंने जिलाधिकारी को दिए पत्र में आरोप लगाया कि गांव के प्रधानपति जंग बहादुर पटेल ने उनके घर पर हमला किया था, जिसकी रिपोर्ट फाफामऊ थाने में दर्ज कराई गई। इस कार्रवाई से नाराज़ होकर प्रधानपति ने सुनियोजित साजिश के तहत अपने ही भतीजे अविनाश पटेल के सर पर फर्जी चोट लगवाकर, उसे सीएचसी सोरांव से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट दिलवाई और जिला अस्पताल के लिए रेफर भी कराया गया।

धनंजय पांडेय ने जिलाधिकारी से मांग की कि इस फर्जी मेडिकल की दोबारा जांच (री-मेडिकल) कराई जाए और दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए।

भारतीय किसान यूनियन का आरोप: पैसे लेकर बन रहे फर्जी मेडिकल

इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के मंडल अध्यक्ष बबलू दुबे ने भी हस्तक्षेप किया। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि तहसील सोरांव के सभी ब्लॉकों के सीएचसी और पीएचसी में डॉक्टर पैसे लेकर गंभीर चोट का फर्जी मेडिकल बनाते हैं, और फिर अवैध रूप से जिला अस्पताल के लिए रेफर करते हैं।

जिलाधिकारी की कार्रवाई: दोषियों पर होगी एफआईआर

जिलाधिकारी ने दोनों शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल निर्देश जारी किए:

  • मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि धनंजय पांडेय के प्रकरण में पुनः मेडिकल जांच (री-मेडिकल) की जाए।

  • यदि फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए और 3 दिन के भीतर रिपोर्ट दी जाए

वहीं, बबलू दुबे की शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है, जिसमें:

  1. अपर जिलाधिकारी (नगर),

  2. मुख्य चिकित्साधिकारी प्रयागराज,

  3. अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) शामिल हैं।

यह समिति जनपद के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा बनाए गए मेडिकल प्रमाण पत्रों की पाँच दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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कड़ी चेतावनी: दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा

जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि,

“फर्जी मेडिकल बनाने की प्रथा न केवल न्याय व्यवस्था से खिलवाड़ है, बल्कि यह कानून का घोर उल्लंघन भी है। दोषी पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

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