
Prayagraj News-पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रयागराज के नैनी क्षेत्र के अरैल में उत्तर प्रदेश के पहले बायो-CNG प्लांट का विधिवत शुभारंभ बुधवार को पूजन और हवन के साथ किया गया। प्लांट की शुरुआत के पहले ही दिन नगर निगम की ओर से 18-20 टन गीला कचरा, जिसमें रेस्टोरेंट और किचन वेस्ट प्रमुख थे, पहुंचाया गया और प्रोसेसिंग प्रक्रिया शुरू की गई।
343 टन प्रतिदिन की क्षमता, दो चरणों में होगा विकास
इस अत्याधुनिक प्लांट की कुल क्षमता 343 टन प्रति दिन (TPD) है।
प्रथम चरण में 200 टन गीले कचरे से 8.9 टन बायो-CNG और 109 टन ठोस व 100 टन तरल जैविक खाद का उत्पादन शुरू हो चुका है।
दूसरे चरण में धान के पुआल और गोबर से शेष 13.2 टन गैस उत्पादन की योजना है।
गोबर से तैयार होंगे एक्टिव बैक्टीरिया
परियोजना प्रमुख हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया कि शुरुआत में रोज़ाना 30 टन गोबर से बैक्टीरिया तैयार किए जा रहे हैं जो डाइजेशन प्रक्रिया को गति देंगे। यह प्रक्रिया 40-45 दिन में स्वचालित हो जाएगी।
प्रक्रिया कैसे होती है? जानिए पूरी तकनीकी श्रृंखला
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कचरा एकत्रण: नगर निगम की गाड़ियाँ गीला-सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहित करती हैं।
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छंटाई: जेसीबी से ट्रामिल मशीन में डाला जाता है, जहां छंटाई कर लुगदी बनाई जाती है।
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क्रशिंग व डाइजेशन: लुगदी को हैमर मिल से प्रोसेस कर डाइजेस्टर में गोबर या एक्टिव स्लरी के साथ डाला जाता है।
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गैस उत्पादन: डाइजेशन के बाद रॉ बायोगैस बनती है, जिसे VPSA सिस्टम से साफ कर बायो-CNG और CO₂ में अलग किया जाता है।
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उपयोग: बायो-CNG को इंडियन ऑयल अडानी गैस लिमिटेड (IOAGL) को बेचा जाएगा।
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खाद निर्माण: बचे ठोस व तरल पदार्थ को जैविक खाद में बदला जाएगा।
पर्यावरण को मिलेगा बड़ा लाभ
यह प्लांट हर साल लगभग 56,700 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी करेगा। साथ ही लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा भी घटेगी।
नगर निगम की कमाई, किसानों को फायदा
नगर निगम के पर्यावरण अभियंता श्री उत्तम वर्मा ने बताया कि यह प्लांट नगर निगम को हर साल ₹53 लाख तक की कमाई देगा। साथ ही किसानों को जैविक खाद मिलेगी, जिससे रासायनिक उर्वरकों की निर्भरता घटेगी।
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 200 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 40 लोग सीधे प्लांट में कार्यरत होंगे, जबकि बाकी कलेक्शन, सप्लाई और अन्य सेवाओं में शामिल होंगे।
नगर आयुक्त की अपील: कचरा अलग-अलग दें
नगर आयुक्त श्री साईं तेजा ने नागरिकों से अपील की है कि वे गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके दें ताकि प्रोसेसिंग सुचारु रूप से हो सके।
पीपीपी मॉडल पर हुआ निर्माण
इस परियोजना का संचालन PPP मॉडल (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत किया जा रहा है। प्रयागराज नगर निगम ने इसके लिए 12.49 एकड़ भूमि प्रदान की है। संचालन का जिम्मा एवर एनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जिसके साथ निगम का 25 वर्षों का अनुबंध हुआ है।
2100 पौधे लगाए जाएंगे, हरित वातावरण को मिलेगा बढ़ावा
परियोजना स्थल पर नगर निगम के सहयोग से 2100 पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे प्लांट के इर्द-गिर्द हरित वातावरण विकसित होगा।
निष्कर्ष:
प्रयागराज का यह बायो-CNG प्लांट एक आदर्श मॉडल बनकर उभरा है, जो कचरे से ऊर्जा, खाद और आय तीनों उत्पन्न कर पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।
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रिपोर्ट : नवीन सारस्वत, प्रयागराज