Prayagraj News-हिंदी हमारी मातृभाषा, इसे प्यार करें : प्रो. संगीता श्रीवास्तव

Prayagraj News- हिंदी हमारी मातृभाषा है। निज भाषा में ही सबसे बेहतर तरीके से अभिव्यक्ति हो सकती है। हिंदी हमारी मां है, इसे प्यार करें, अपनी मातृभाषा से प्यार करें। जब हम स्वयं हिंदी को महत्व देंगे तभी दूसरे भी इसके महत्व को समझेंगे। हमें अपनी मातृभाषा में अधिक से अधिक महत्व देना होगा। यह बात इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्त ने कही। वे बुधवार को इविवि के राजभाषा अनुभाग की ओर से नार्थ हॉल में आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रही थीं। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ। इसके बाद बरगद मंच के विद्यार्थियों ने कुलगीत प्रस्तुत किया।
कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कर्मचारियों को हिंदी में कार्यालयी कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सभी देशों ने अपनी मातृभाषा को समृद्ध बनाया है। भारत ही हिंदी भाषा तो सदैव से समृद्ध रही है। उन्होंने भारत के गौरवशाली ज्ञान परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि जब पूरे विश्व के लोग अपना पेट भरने के लिए अन्न खोज रहे थे, भारत में ऋषि और मनिषी वेद लिख रहे थे। वेदों में सूर्य के पूजन का उल्लेख है और सूर्य के माध्यम से ही भारत में विभिन्न प्रकार का अन्न उपजता है, जो विश्व में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उन्होंने कहा कि गुलामी के दौर में हिंदी को कम महत्व दिया गया, इसके बाद कान्वेंट कल्चर ने हिंदी को पीछे धकेल दिया। हमें प्रतिदिन के कार्यों में हिंदी का प्रयोग करके हिंदी को सिरमौर बनाना है।
इससे पूर्व राजभाषा अनुभाग के पदेन अध्यक्ष और कुलसचिव प्रो. आशीष खरे ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र के वक्तव्य ‘‘निज भाषा उन्नति अहे’’ के माध्यम से हिंदी की उपयोगिता को बताया। उन्होंने कार्यालय के दैनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग की आवश्यकता पर बल दिया। हिंदी अनुभाग के संयोजक प्रो. कुमार वीरेंद्र ने मंच संचालन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संचार के नए उपक्रम और हिंदी, कार्यालय हिंदी और ई फाइलिंग एवं समर्थ पोर्टल प्रबंधन और हिंदी, कार्यालयी अनुवाद, कार्यालय प्रबंधन एवं हिंदी राजभाषा हिंदी का मानकीकरण जैसे विषयों को शामिल किया गया है। इविवि के हिंदी अधिकारी प्रवीण श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान करीब 45 प्रतिभागी कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे हैं। उद्घाटन सत्र में सभी संकायों के अध्यक्ष मौजूद रहे।

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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

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