
Prayagraj (Naini): योगी शासन में एक साधु की पुश्तैनी जमीनें हड़प ली गईं और सुनवाई भी नहीं हुई। अपनों ने धोखा दिया तो इस हताशा में कमलेश कुमार प्रजापति साधु बन गए। खुद को ईश्वरीय अराधना में समर्पित कर दिया। दिल्ली में एक आश्रम में उसने गुरु चंद्रमा दास से दीक्षा ली और उन्होंने कमलेश मुनि नामकरण किया। दीक्षा संस्कार के बाद कमलेश प्रजापति यानी कमलेश मुनि साधु जीवन यापन करते हुए धार्मिक स्थलों पर यात्रा करने लगे। वर्तमान में अरैल नैनी स्थित पौराणिक महत्व वाले सोमेश्वर महादेव मंदिर के पास कुटिया में भजन-कीर्तन करते अराधना में लीन रहते हैं। पैतृक जमीन पर उनका हक आज भी है।
खाता खतौनी में उनका नाम दर्ज है। लेकिन उनके सगे-संबंधियों ने फर्जी तरीके से उनकी पुश्तैनी जमीनें हड़प ली और फर्जी प्रपत्र बनाकर औने-पौने दामों में बेच दिया। साधु जीवन अपनाया तो अन्याय और धोखाधड़ी के विरुद्ध संघर्ष करने की शक्ति मिली। अब उन्होंने अपने साथ हुई छल-कपट की शिकायत करने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की ठानी है। उनको विश्वास है कि मुख्यमंत्री योगी होने के नाते उनके साथ न्याय करेंगे। कमलेश प्रजापति यानी कमलेश मुनि अपने भक्तों के बीच गुड्डू बाबा के नाम से पहचाने जाते हैं। अन्याय के विरुद्ध उनकी लड़ाई में भक्तों ने भी साथ देने का संकल्प लिया है। उनके भक्तों में वकील, किसान, व्यापारी और अन्य प्रांत एवं शहरों के मानिंद लोग शामिल हैं। कमलेश मुनि ने बताया कि वो प्रयागराज के दक्षिणी लोकपुर मोहल्ले के मूल निवासी हैं। करछना तहसील के अंतर्गत माधवपुर उपरहार खरकौनी परगना अरैल नैनी में उनके परिवार की काफी जमीनें हैं। जिनको कब्जा कर लिया गया है। गाटा संख्या 111 एवं 122 में उनके हक की कुल करीब 23 बिस्वा जमीन है लेकिन सब पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। पूर्व में उन्होंने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। एसडीएम ने प्रार्थना पत्र पर लेखपाल को मौका मुआयना कर आख्या मांगी थी। खतौनी में कमलेश कुमार प्रजापति पुत्र स्वर्गीय भीम प्रजापति का नाम भी दर्ज है। इसके बाद भी लेखपाल ने मौके पर जाकर गाटा संख्या चिन्हित नहीं किया। जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। साधु बनने के बाद एक बार वो नैनी थाने पर समाधान दिवस में भी पहुंचे जहां उनको यह कहकर रवाना कर दिया गया कि साधु जीवन यापन करने लगे हो अब जमीन-जायदाद का क्या होगा। इस तरह पीड़ित पक्ष को थाने से भगा दिया गया। हर तरफ से निराशा हाथ लगी तो अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की ठानी है।
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मदद के नाम पर धोखा दिया
कमलेश मुनि ने बताया कि भक्त बनकर आए लाल बाबा उर्फ शमशेर यादव एवं पप्पू यादव और उनके दो अन्य साथियों ने धोखे से भांग पिलाकर एक हजार रुपये के स्टांप पेपर में भी हस्ताक्षर करा लिया। यह कहकर कि आपकी जमीनें हम खाली करा लेंगे। पहले आप हमें अधिकार पत्र बनाकर दीजिए। अनपढ़ होने की वजह से उनके साथ छल किया गया।
रिपोर्ट- घनश्याम शुक्ला