
Pratapgarh: प्रतापगढ़ रविवार 27 जुलाई 2025 को सायं निधन हो जाने पर 28 जुलाई 2025 को बृजनाथ ओझा के ओझा जी के आवास पर शोक व्यक्त करने एवं अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों सामाजिक संगठन ,अधिवक्ता संगठन एवं अन्य पहुंचे। जिसमें प्रमुख रूप से जिला कम्युनिस्ट नेता, वकील परिषद के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व ग्राम प्रधान, किसान सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष, चंद्रशेखर आजाद जूनियर हाई स्कूल के संचालक बृजनाथ ओझा के कल दिनांक 27 जुलाई 2025 को सायं निधन हो जाने पर 28 जुलाई 2025 को बृजनाथ ओझा के ओझा जी के आवास पर शोक व्यक्त करने एवं अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों सामाजिक संगठन ,अधिवक्ता संगठन एवं अन्य पहुंचे। जिसमें प्रमुख रूप से जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद मौर्य, जूनियर बर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रोहित शुक्ला, जिला बार एसोसिएशन के महामंत्री रविंद्र प्रताप सिंह उर्फ मिंटू ,रेलवे बोर्ड के सदस्य संतोष मिश्रा,जूनियर बार के पूर्व महामंत्री जयप्रकाश मिश्रा, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष देवानंद मिश्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश नारायण तिवारी अतिरिक्त प्रमुख बड़ी संख्या में कम्युनिस्ट नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर ब्रजनाथ ओझा को अंतिम विदाई दिया।
जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद के सदस्य हेमंत नन्दन ओझा,उपभोक्ता फोरम के पूर्व सदस्य और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल बहादुर तिवारी,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला मंत्री राजमणि पांडे, पूर्व जिला मंत्री रामबरन सिंह, किसान सभा के जिला मंत्री निर्भय प्रताप सिंह, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सह मंत्री रशीद अहमद , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के मंत्रिपरिषद सदस्य आर डी यादव,वरिष्ठ नेता महाबली मौर्य, जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के संरक्षक वी पी त्रिपाठी, मजदूर नेता विभूति पांडे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नगर मंत्री विवेक श्रीवास्तव ,राजेन्द्र कुमार,आलोक सिंह,मनोज पांडेय आदि प्रमुख रूप से रहे। इस अवसर पर अपने नेता बृजनाथ ओझा के शव पर कम्युनिस्ट पार्टी का झंडा ओढ़ा कर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर बी एन ओझा अमर रहे, बृजनाथ ओझा के सपनों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, इंकलाब जिंदाबाद, बृजनाथ ओझा को लाल सलाम के नारे लगाए गए।
उल्लेखनीय है कि बृजनाथ ओझा वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता थे और आजीवन अपने क्रांतिकारी तेवर और संघर्ष के लिए जाने जाते थे मजदूर और कर्मचारियों के संघर्ष में उनकी भूमिका अग्रणी रहती थी राज्य कर्मचारियों के आंदोलन में उन्हें जनपद प्रतापगढ़ में गिरफ्तार कर गोंडा जनपद की जेल में भेजा गया था जहां वह डेढ़ माह तक जेल में रहे इसके अलावा दर्जनों पर विभिन्न जन आंदोलन में बृजनाथ ओझा जेल में रहे। उन्होंने अधिवक्ताओं के प्रमुख संगठन वकील परिषद के अध्यक्ष का भी चुनाव जीता था इसके पूर्व में गांव के प्रधान भी थे। बृजनाथ ओझा की मृत्यु कैंसर लंबी बीमारी के बाद हुई किंतु उन्हें बीमारी की जानकारी नहीं थी और कुछ दिनों पूर्व ही उन्हें इसकी जानकारी हुई जब वह गंभीर स्थिति में पहुंच गया उन्हें फेफड़ों में कैंसर था।
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विभिन्न इकाइयों भी अपनी शोक संवेदनाएं भेजी हैं जिनसे उनके परिवार को अवगत कराया गया। शीघ्र ही एक शोक सभा का आयोजन कर श्रद्धांजलि का एक अन्य कार्यक्रम भी रखा गया है। अधिकृत जानकारी हेमंत नंदन ओझा ने दी है l
रिपोर्ट- उमेश पाण्डेय यूनाईटेड भारत