
Pratapgarh news: जिले का स्वास्थ्य विभाग लापरवाही और पंगु कार्यशैली का शिकार होता नजर आ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गजराही में कई गंभीर अनियमितताओं के खुलासे से क्षेत्रीय नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है।
एम्बुलेंस सेवा प्रशासनिक नियमों के विरुद्ध
सूत्रों के अनुसार, शासन की मंशा के अनुरूप एम्बुलेंस 102 और 108 को स्वास्थ्य केंद्र परिसर में रहना चाहिए, ताकि आकस्मिक चिकित्सा सहायता समय पर पहुंच सके। लेकिन वास्तविकता यह है कि ये एम्बुलेंसें थाना जेठवारा में खड़ी रहती हैं। इससे आपातकालीन सेवाएं बाधित हो रही हैं, जो एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर जरूरतमंद मरीजों तक समय से चिकित्सा सुविधा कैसे पहुंचेगी?
फर्जी कॉलिंग से अवैध वसूली का आरोप
विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि आशा कार्यकर्ताओं और नर्सों द्वारा मिलकर फर्जी कॉलिंग की जा रही है, जिसके माध्यम से डीजल की कालाबाजारी और अवैध वसूली की जा रही है। यह सीधे तौर पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का मामला है।
सवारियों की ढुलाई का वीडियो हुआ वायरल
हद तो तब हो गई जब एम्बुलेंस का उपयोग मरीजों की बजाय आम सवारियों को ढोने में किया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि चिकित्सा सेवा की प्राथमिकताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
प्रशासन से नहीं हो सकी बात
सीएचसी गजराही के अधीक्षक से इस विषय पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं लग सका। इससे जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े होते हैं।
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नागरिकों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
क्षेत्रीय नागरिकों ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आम जनता की स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बहाल हो सके।
रिपोर्टर: उमेश पाण्डेय