Pratapgarh news: मनरेगा को बदलने के प्रस्ताव के खिलाफ वामपंथी दलों का आक्रोश प्रदर्शन

Pratapgarh news: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) को समाप्त कर उसके स्थान पर “विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन ग्रामीण” (VG RGM) लाने के केंद्र सरकार के प्रयासों के विरोध में सोमवार को जिले में वामपंथी दलों ने जोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी–लेनिनवादी), फारवर्ड ब्लॉक एवं एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतापगढ़ के माध्यम से सौंपा गया

ज्ञापन में उठाई गईं ये प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से केंद्र सरकार से—

  • विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन ग्रामीण बिल को तत्काल वापस लेने

  • मनरेगा अधिनियम 2005 को यथावत कानून के रूप में बनाए रखने

  • मनरेगा में केंद्र 90% और राज्य 10% बजट व्यवस्था को जारी रखने

  • खेत एवं ग्रामीण मजदूरों को वर्ष में 200 दिन का काम और ₹600 प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने

  • 55 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मजदूरों को ₹10,000 प्रतिमाह पेंशन देने

  • खेत एवं ग्रामीण मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा की पूर्ण गारंटी

  • महात्मा गांधी के नाम पर बने कानून को समाप्त करने की कोशिश पर तत्काल रोक

  • भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा हिंदू राष्ट्र की दिशा में बढ़ने की कथित साजिश पर रोक लगाने की मांग की।

बजट व्यवस्था को लेकर जताई चिंता

वामपंथी दलों ने कहा कि वर्तमान में मनरेगा के तहत 90 प्रतिशत बजट केंद्र और 10 प्रतिशत राज्य सरकार देती है, जबकि प्रस्तावित गारंटी मिशन में इसे बदलकर 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य करने की योजना है।
नेताओं का आरोप है कि कई राज्य सरकारों के लिए यह व्यवस्था आर्थिक रूप से संभव नहीं है, खासकर तब जब केंद्र सरकार विपक्षी शासित राज्यों को उनके हिस्से का टैक्स समय पर नहीं दे रही है। ऐसे में यह योजना गरीबों और मजदूरों के लिए घातक साबित होगी

नारेबाजी और चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने
“मनरेगा खत्म करना बंद करो”,
“वामपंथी एकता जिंदाबाद”,
“किसान–मजदूर एकता जिंदाबाद”,
“इंकलाब जिंदाबाद” और
“मोदी सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए।

प्रदर्शन में ये रहे प्रमुख नेता

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से CPI के जिला मंत्री राजमणि पांडे, राज्य परिषद सदस्य हेमंत नंदन ओझा, पूर्व जिला मंत्री रामबरन सिंह, सहायक जिला मंत्री निर्भय प्रताप सिंह, मंत्री परिषद सदस्य आरडी यादव, अशोक कुमार पाल, राजेंद्र कुमार, महाबली मौर्य, रामस्वरूप, सुरेश चंद शर्मा, आलोक सिंह; CPI(M) के जिला मंत्री आशुतोष शुक्ला, मोहम्मद दानिश, अजय कुमार पांडे, राम आधार;
एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) से प्रवीण विश्वकर्मा, लल्लू रामपाल, अशोक प्रजापति, बजरंग सिंह, भगत यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

प्रशासन ने लिया ज्ञापन

जिला प्रशासन की ओर से उप जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन प्राप्त किया।

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आगे आंदोलन की चेतावनी

प्रदर्शन के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में वामपंथी दलों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार मनरेगा को कमजोर करने या समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ती है, तो देश के करोड़ों मजदूरों को लामबंद कर व्यापक जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।

रिपोर्ट: उमेश पाण्डेय
जिला संवाददाता, यूनाईटेड भारत

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