
Pratapgarh News-पूरे मुरली अमावां में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान गुरुवार को श्रीराम जन्मोत्सव के प्रसंग पर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। कथा व्यास प्रयागराज से पधारे स्वामी सम्पूर्णानंद जी महाराज ने भगवान श्रीराम के जन्म की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया।
स्वामी सम्पूर्णानंद जी ने कहा कि भगवान सदैव भक्ति के बंधन में रहते हैं और भक्त के हृदय में निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान को भक्त का अनादर कभी स्वीकार नहीं होता। श्रीराम का जन्म मर्यादा, धर्म और नैतिकता की रक्षा के लिए हुआ था।
कथाव्यास ने कहा कि श्रीराम भक्ति और भक्त की मर्यादा के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि भक्ति हृदय की निर्मलता में सुशोभित होती है, और भगवान उसी निर्मल भक्ति को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि अनीति और अत्याचार का अंत सदैव कष्टप्रद होता है, इसलिए धर्म के मार्ग पर चलना ही जीवन का सार है।
कथा के दौरान भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की झांकी सजाई गई, जिस पर श्रद्धालु महिलाओं ने पुष्पवर्षा कर भक्ति का वातावरण और भी पवित्र बना दिया। भजन और मंगलगान से पूरा परिसर भक्तिमय माहौल में डूब गया।
कथा के संयोजक समाजसेवी हरिकेश कुमार मिश्र व सुरेन्द्र मिश्र ने श्रीराम दरबार की भव्य आरती उतारी। सह संयोजक संगम लाल मिश्र, सुशील मिश्र और सुनील मिश्र ने व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया।
कार्यक्रम में कालिका प्रसाद पाण्डेय, संतोष पाण्डेय, सुरेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र पाण्डेय, सिंटू मिश्र, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, विपिन पाण्डेय, घनश्याम केसरवानी, अम्बिका पाण्डेय, मुरलीधर तिवारी, अवधेश शुक्ला, रामअभिलाष यादव, लल्लू पाण्डेय, श्याम सुंदर तिवारी, अभिषेक पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – उमेश पाण्डेय
Pratapgarh News-Read Also-Sultanpur News : ‘तुम आओ या कोई दूसरी ले आए, जो पैसे लगेंगे देंगे’, चिकित्सक ने नर्स से की अश्लील बात



