
Pratapgarh News-नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज मे शनिवार को श्रीमदभागवत कथा विश्राम दिवस पर श्रद्धालुओ की भीड जुटी दिखी। प्रयागराज से पधारे कथावाचक श्रीराघव रामानुजदास सुधाकर जी महराज ने कहा कि भगवान ने सृष्टि की संरचना जीव के आनन्द के लिए किया है। उन्होने कहा कि जीव को परमानंद का स्मरण करते हुए भक्तिभाव से जीवन को सुधारना चाहिए। उन्होने कहा कि भगवान के प्रति भक्ति शुद्धता में हो तब मनुष्य को कुछ भी मांगना नही पड़ता। उन्होने कहा कि श्रीमदभागवतगीता मे भगवान ने यह उपदेश दिया है कि सुख व दुख कभी भी स्थायी नही हुआ करते। उन्होने कहा कि भगवान के शुद्ध स्मरण के लिए एकांतवास का भी समय निकालना चाहिए। कथावाचक सुधाकर जी महराज ने बताया कि माया और मोह से मुक्ति के लिए सदैव भगवान का ध्यान लगाना चाहिए। उन्होने कहा कि मोक्ष का मार्ग शुद्ध अन्तःकरण से भगवान की भक्ति से ही खुलता है। उन्होने कहा कि भगवान की कथा को सुनकर भी जीवन को सुख की अनुभूति हुआ करती है। विश्राम दिवस पर भगवान की भव्य आरती मे श्रद्धालुओ ने राधेकृष्ण का जयकारा भी लगाया। कथा के संयोजक आचार्य रामअवधेश मिश्र, रजनीश मिश्र, प्रधानाचार्य उमाशंकर मिश्र, पूर्व ब्लाक प्रमुख पूर्णांशू ओझा ने व्यासपीठ का पूजन अर्चन किया। विद्या मंदिर पूर्व छात्र परिषद के महर्षि पाण्डेय, आशुतोष तिवारी, दीपेन्द्र ओझा, अम्बरीश मिश्र व अजेन्द्र सिंह ने कथावाचक सुधाकर जी महराज को भगवान श्रीराधाकृष्ण की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया। आभार प्रदर्शन शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य प्रदोष नारायण सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ0 बृजेन्द्र नारायण द्विवेदी, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, डॉ0 दुर्गा प्रसाद ओझा, माधुरी ओझा, श्रीकृष्ण तिवारी, उमेशपाल मिश्र, प्रो0 श्यामबिहारी शुक्ल, डॉ0 राजेन्द्र मिश्र, डा0 आरएस त्रिपाठी, डा0 पुरूषोत्तम शुक्ल, विशालमूर्ति मिश्र, डॉ0 शक्तिधरनाथ पाण्डेय, डॉ0 राजकुमार पाण्डेय, कमलेश त्रिपाठी आदि रहे।
रिपोर्ट-उमेश पाण्डेय जिला संवाद दाता यूनाईटेड भारत प्रतापगढ़



