
Pratapgarh News-राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के भीतर मुख्य न्यायाधीश के कक्ष में एक आरोपी द्वारा आवांछित एवं उन्माद की प्रदर्शित घटना को निंदनीय ठहराते हुए देश के लिए इसे अस्वीकार्य कहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि एक सौ पैंतालिस करोड़ भारतवासियों के लिए सुप्रीम कोर्ट न्यायिक आस्था एवं श्रद्धा तथा विश्वास का मंदिर है। उन्होने कहा कि न्याय के मंदिर से हर जरूरतमंद और अन्याय के खिलाफ पीड़ित आम व्यक्ति न्याय की सदैव आशा किया करता है। उन्होने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के कक्ष में एक व्यक्ति द्वारा नफरत का खुलेआम उन्माद प्रदर्शित करना चिंताजनक है। उन्होने साफतौर पर कहा है कि यह घृणित घटना सीधे तौर पर देश के लोकतंत्र, संविधान एवं न्यायपालिका पर गंभीर हमला है।
उन्होने इस घटना को लेकर भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि सत्ता के लिए जिस प्रकार से इस समय वह धर्म के नाम पर नफरती सोच का जहर उगल रही है। उन्होने कहा कि यही कारण है कि इस बार निशाने पर न्याय का मंदिर और संविधान तथा भारत का लोकतंत्र है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने महात्मा गांधी की हत्या के समय तत्कालीन देश के उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल के द्वारा की गई टिप्पणी का भी उदाहरण दिया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी के मुताबिक सरदार पटेल ने उस समय गांधी जी की हत्या की घटना को धर्म के नाम पर नफरती सोच को जिम्मेदार करार दिया था।
उन्होने कहा कि इस घटना के बाद राजनैतिक दलों का गंभीर कर्तव्य है कि वह धर्म के नाम पर फैलाये जाने वाली नफरती सोच के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करे। उन्होने कहा कि चुनाव जीतने के लिए नफरत का जहर घोला जाना लोकतंत्र के दीर्घकालिक भविष्य के लिए खतरनाक है। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मध्य प्रदेश व राजस्थान में कोलड्रिफ नामक जहरीला कफ सिरप पीने से मासूम बच्चों की मौत को भी दुखद एवं अत्यन्त चिंताजनक कहा है। उन्होने कहा कि इस घटना के लिए दोनों प्रदेशों में भाजपा की राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं। उन्होने इस दुखद हादसे को लेकर पूरे संवेदनशील प्रकरण की न्यायिक जांच कराये जाने की भी मांग उठाई है। उन्होने कहा कि यहां सवाल यह है कि जिस दवा कंपनी के सैम्पल कई बार गलत पाये गये आखिर वे अपना और दवा का नाम बदलकर जहरीला कफ सिरप कैसे सप्लाई करती रही। उन्होने कफ सिरप पीने से दर्दनाक मौतों के पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से एक एक करोड़ के मुआवजे तथा इस दायरे में आये बीमार बच्चों के सरकार से पूर्ण निःशुल्क बेहतर इलाज सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार से यह भी कहा है कि अभी तक जिन बच्चों अथवा अन्य को कोलड्रिफ नामक यह सिरप पिलाया गया है उनके स्वास्थ्य की गहन जांच करायी जाय। उन्होने कहा कि संभावना है कि ऐसे लोग मौत से तो बच गये हों, परन्तु उनके संवेदनशील अंग क्षतिग्रस्त हो गये हों। उन्होने सरकार से कहा है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनका भी उपचार कराते हुए सार्वजनिक नुकसान की संभावना को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की भाजपा सरकारों की मासूम बच्चों की मौत को लेकर कठोरतम आलोचना करते हुए अस्पताल में उपलब्ध सरकारी दवाओं और बाजार में भी इस प्रकार की उपलब्ध दवाओं की पुनः गहनता से जांच कराये जाने की भी मांग उठायी है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।
रिपोर्ट-उमेश पाण्डेय जिला संवाद दाता यूनाईटेड भारत प्रतापगढ़
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