
Pratapgarh: उपायुक्त श्रम रोजगार अश्वनी कुमार ने बताया है कि प्रदेश के शीर्ष पांच जल संरक्षण स्थलां में शामिल विकास खण्ड मान्धाता के ग्राम पंचायत नेवाड़ी में स्थित मां खुयलन धाम न केवल धार्मिक आस्था का केन्द्र बन रहा है, बल्कि इको सिस्टम और जैव विविधता के संरक्षण का आदर्श उदाहरण भी बनता जा रहा है। झील के कायाकल्प और जल भराव से अब यह क्षेत्र प्राइमरी कंज्यूमर (घास, शैवाल खाने वाले जीव), सेकेंडरी कंज्यूमर (मछलियां, पक्षी आदि) एवं डिकम्पोजर (कीट, जीवाणु) के लिये संतुलित आवास बन रहा है।
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झील का जलभराव सुनिश्चित कर स्थानीय पारिस्थतिकी तंत्र को जीवंत रखा गया है जिससे प्राकृतिक जैव विविधता बनी रहेगी और इको सिस्टम की निरन्तरता भी बनी रहेगी। इस कार्य में जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी का कुशल मार्गदर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी डॉ दिव्या की दूरदर्शिता और पर्यावरणीय सोच उल्लेखनीय रही है। उन्होंने जलवायु सुधार व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के दृष्टि से इस योजना को गति दी। उनका यह प्रयास न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिये एक अमूल्य धरोहर होगा। जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन एवं ग्राम प्रधान नेवाड़ी अनिल यादव और आम जनमानस की सहभागिता से खुयलन धाम झील अब एक आदर्श पर्यावरण स्थल बनकर उभर रहा है, जहॉ ंजल, जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का सुन्दर दृश्य देखा जा सकता है।
रिपोर्ट- उमेश पाण्डेय, प्रतापगढ़