
Pratapgarh: कोतवाली क्षेत्र के चैती का पुरवा गांव में शुक्रवार को एक हृदयविदारक हादसे में चार मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। यह दुखद घटना उस समय घटी जब बच्चे गांव के पास बह रही बकुलाही नदी में नहाने के लिए गए थे।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सभी बच्चे गर्मी से राहत पाने के लिए नदी में नहाने उतरे थे। प्रारंभिक जानकारी में बताया गया है कि नहाते समय वे गहराई में चले गए और तैर न पाने के कारण डूब गए। आसपास मौजूद लोगों ने शोर सुनकर मौके पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही कुंडा और महेशगंज थाने की पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गईं। पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से बच्चों के शवों को बाहर निकलवाया। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस का बयान:
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “यह एक बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। बच्चों की उम्र 8 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट है कि वे गहराई का अंदाज़ा नहीं लगा पाए और डूब गए।”
गांव में मातम:
इस हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांववाले इस घटना को लेकर स्तब्ध हैं और प्रशासन से नदी के किनारे सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन की अपील:
स्थानीय प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को अकेले जलस्रोतों के पास न जाने दें और गर्मी के मौसम में विशेष सतर्कता बरतें।
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इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि गर्मी के मौसम में बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं? नदी, तालाब और अन्य जलस्रोतों के पास चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा व्यवस्था का अभाव कई बार मासूम जिंदगियों के लिए घातक साबित हो रहा है।