
Pratapgarh: जिले के बेल्हा क्षेत्र में ओवरलोडिंग ट्रकों पर लदी बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सूत्रों की मानें तो इस पूरे गोरखधंधे में खनन विभाग, परिवहन विभाग और पुलिस महकमे की मिलीभगत है।
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघराय हाईवे पर निर्माणाधीन पुल के पास अवैध बालू लदे ट्रकों की लंबी कतारें अक्सर देखी जा सकती हैं। ये ट्रक बिना नंबर प्लेट या खुरचे गए नंबरों के साथ खुलेआम दौड़ते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन वाहनों को सरकारी संरक्षण प्राप्त है।
सूत्रों का दावा है कि एआरटीओ दिलीप गुप्ता समेत खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिलेभर में ओवरलोड ट्रकों से ‘माहवारी’ और ‘इंट्री फीस’ के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। वहीं, छोटी गाड़ियों जैसे 3-व्हीलर और टुकटुक चालकों का चालान कर खानापूर्ति की जा रही है, जबकि ओवरलोड ट्रकों को छोड़ दिया जाता है।
प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल उठाते हुए यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह सब कुछ योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। जिले के अलग-अलग थानों से भी जानकारी मिली है कि हर थाने में जेसीबी मशीन संचालकों से नियमित “महीना” तय है। इन ओवरलोड ट्रकों की वजह से जिले की सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है और आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता सवालों के घेरे में
जिला प्रशासन की आंख मूंदकर बैठी भूमिका इस पूरे मामले में गंभीर चिंता का विषय है। आम जनता को ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर परेशान किया जाता है, लेकिन ओवरलोड ट्रकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
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मांग: दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
अब यह देखना अहम होगा कि क्या जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) इस पूरे मामले का संज्ञान लेकर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करेंगे, या यह अवैध कारोबार यूं ही बेलगाम चलता रहेगा। अगर योगी सरकार को इस मामले की गंभीरता का आभास हुआ, तो संभव है कि आने वाले दिनों में प्रशासनिक सख्ती देखने को मिले।
रिपोर्ट: उमेश पाण्डेय, प्रतापगढ़