Pooja Khedkar Controversy: UPSC यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन, पूजा खेड़कर मामले के बाद से ही लगातार चर्चा में बनी हुई है, इसी बीच एक और मामला सामने निकल के आया जिसे लेकर upsc एक बार फिर लाइमलाइट में आ गई। भाई अब मेरे लाइमलाइट वर्ड यूज़ करने से कोई ऑफेंड मत हो जाना क्योंकि हम जरा हिंदी में कमज़ोर है, खैर इधर उधर न जाकर मुद्दे पर आते है। और मुद्दा ये है की upsc अध्यक्ष मनोज सोनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। और वो भी अपने कार्यकाल ख़त्म होने के पांच साल पहले। वैसे इनका कार्यकाल 2029 में खत्म होना था। पर उन्होंने कुछ व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए रिजाइन दे दिया। हालाँकि उनका इस्तीफा मंजूर किया गया या नहीं अभी तक इस बात की जानकारी मीडिया तक नहीं पहुंच पाई है। अमां भाई अब बड़े-बड़े मामले इत्ती जल्दी कैसे सोल्व हो सकते है।
खैर मनोज सोनी के इस्तीफे का पूजा खेड़कर मामले से कोई सम्बन्ध है या नहीं अभी तक इसपर कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। सोनी ने 2017 में बतौर सदस्य यूपीएससी में ज्वॉइन की थी, जिसके बाद 16 मई, 2023 को उन्हें यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन का अध्यक्ष बना दिया गया, जिसका कार्यकाल छह साल का होता है। सोनी ने कथित तौर पर एक महीने पहले ही राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालाँकि उनका रिजाइन एक्सेप्ट किया जायेगा या नहीं, ये सबसे बड़ा सवाल है। अब अगर मैं भी प्रधानमंत्री की करीबी होती तो शायद मेरा भी इस्तीफ़ा मंजूर न होता। चलो अच्छा भावनाओ में नहीं बहते है क्योंकि न मेरे बस का UPSC निकलना है न प्रधानमंत्री का ख़ास बनना, हमको तो बस पत्रकारिता करनी है।
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आप भी मेरे मुँह से प्रधानमंत्री के करीबी शब्द सुन के कह रहे होंगे ये क्या बोल रहा है तो बता दें की मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके अच्छे संबंधों के लिए भी जाना जाता है, वैसे 2005 में वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय में इनकी नियुक्ति भी पीएम मोदी ने ही की थी, यूपीएससी का हिस्सा बनने से पहले सोनी ने गुजरात के दो विश्वविद्यालयों में कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दी है।